CG: लॉकडाउन से डिप्रेशन में लोग, किसी को व्यापार-धंधे की चिंता तो किसी को नौकरी की
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CG: लॉकडाउन से डिप्रेशन में लोग, किसी को व्यापार-धंधे की चिंता तो किसी को नौकरी की

कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान घर में रह रहे लोगों पर सकारात्मक और नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है. जहां कुछ लोग मेंटली डाउन हो चुके हैं, वहीं कुछ की स्थिति में सकारात्मक सुधार देखने को मिल रहा है. छत्तीसगढ़ में भी लोगों के दिमाग पर लॉकडाउन का खासा असर हुआ है.

फाइल फोटो

रायपुर: कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान घर में रह रहे लोगों पर सकारात्मक और नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है. जहां कुछ लोग मेंटली डाउन हो चुके हैं, वहीं कुछ की स्थिति में सकारात्मक सुधार देखने को मिल रहा है. छत्तीसगढ़ में भी लोगों के दिमाग पर लॉकडाउन का खासा असर हुआ है. शहर में साइकेट्रिस्ट ने अलग-अलग के लोगों के हाव-भाव पर यह निष्कर्ष निकाला है.

लॉकडाउन का लोगों के दिमाग पर असर
रायपुर शहर में लोग डिप्रेशन की शिकायत डॉक्टरों से कर रहे हैं. दरअसल, राजधानी में 20 से ज्यादा प्रमुख साइकेट्रिस्ट हैं, जिनके पास औसतन हर रोज 8 से 10 लोगों के फोन कॉल आते हैं और इतने ही क्लीनिक पर अपनी तकलीफ लेकर आ रहे हैं. इनमें से ज्यादातर को कोरोना की एंजाइटी की शिकायतें हैं, जबकि कुछ को अपनी नौकरी, धंधे और काम ठप होने पर आर्थिक स्थिति की चिंता सता रही है.

साइकेट्रिस्ट डॉ. मिथुन दत्ता का कहना है कि लोग डिप्रेशन की शिकायत लेकर आ रहे हैं. लोगों को काम-धंधे की चिंता ज्यादा सता रही है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद डिप्रेशन के मामले और बढ़ सकते हैं.

डॉ. दत्ता ने बताया कि लोग लॉकडाउन में गैजेट्स का भी ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन ये आदत उन्हें डिप्रेशन में ले जाएगी. क्योंकि गैजेट्स, टीवी या फिर कोरोना की लगातार न्यूज़ देखने की वजह से लोग एंजाइटी का शिकार होते हैं, ऐसे में उन्हें और उनके बच्चों को गैजेट्स से दूर रहना चाहिए.

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जो पहले डिप्रेस्ड थे, वो अब ठीक हो रहे: डॉक्टर
वहीं चंगोराभाठा के साइकेट्रिस्ट डॉ. शशि सिंह राजपूत का कहना है कि लॉकडाउन से लोगों को तकलीफ तो हो रही है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें लॉकडाउन में रहना अच्छा लग रहा है. क्योंकि उनका डिप्रेशन लेवल कम हो रहा है.

साइकेट्रिस्ट डॉ. शशि सिंह राजपूत का कहना है कि कुछ ऐसे व्यापारी और नौकरीपेशा लोग भी हैं, जो आए दिन टूर की वजह से अपने परिवार से दूर रहते थे. और वो काम की वजह से डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे थे, लेकिन लॉक डाउन में अब वो ठीक होते जा रहे हैं.

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