जनाधिकार कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आज सीएम कमल नाथ ने जनसमस्याओं का निराकरण किया.
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भोपाल: जनाधिकार कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आज सीएम कमल नाथ ने जनसमस्याओं का निराकरण किया. मुख्यमंत्री ने कटनी के राजेश भास्कर, जबलपुर के जितेन्द्र सिसोदिया, भोपाल की पूजा सिलावट, रतलाम के शादाब खान, नरसिंहपुर के ब्रजेश पटेल, छिन्दवाड़ा के सौरभ कन्हारिया, उज्जैन के राम कुमार, भिंड के वैष्णव बघेल, होशंगाबाद के अमर सिंह सराठे, दतिया के राम कुमार और टीकमगढ़ के यज्ञ दत्त शर्मा के प्रकरणों का समाधान किया. कटनी के राजेश भास्कर ने शिकायत की थी कि क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के मामले में 46 मजदूरों को मजदूरी के भुगतान में देरी हुई.
इस मामले में रेंज आफिसर को निलंबित कर दिया गया और एसडीओ वन पर विभागीय जांच के लिये लिखा गया है. इसी प्रकार नरसिंहपुर के ब्रजेश पटेल सहित 297 किसानों को भारत सरकार की फसल प्रोत्साहन योजना में गेंहू उत्पादन के लिये प्रोत्साहन राशि में विलम्ब हुआ था...इस मामले में कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है.
दतिया के रामकुमार के नामांतरण के प्रकरण में छह साल की देरी होने पर दो पटवारियों और नायब तहसीलदार को निलंबित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर निराकरण होने वाली शिकायतें हर प्रकार से जिला स्तर पर ही हल हो जाना चाहिए. जनता की शिकायतों का निराकरण संतोषपूर्वक होना चाहिए.
नकारात्मक निराकरण से समस्याएँ फिर से सामने आ जाती है. मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि एससी एसटी के प्रकरणों में एफ.आइ.आर. दर्ज करने पर ध्यान दें. बाढ़ पीड़ितों को राशि का भुगतान जल्दी करें.....मंत्रालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग में सीएम के साथ मुख्य सचिव एस. आर मोहंती सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
आदिवासी परिवारों पर साहूकारी कर्ज मुक्ति का आयेगा अध्यादेश
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने जनाधिकार कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टरों को कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी परिवारों को गैर लाइसेंसी साहूकारों के कर्ज से मुक्ति देने के लिये अध्यादेश लायेगी. मुख्यमंत्री ने अध्यादेश के मुख्य प्रावधानों की जानकारी कलेक्टरों को दी.
आदिवासी परिवारों से जबर्दस्ती कर्ज वसूली पर रखें निगरानी
अनुसूचित क्षेत्रों में जनजातीय परिवारों पर साहूकारी ऋण विमुक्ति अध्यादेश लाया जायेगा. इसके अनुसार 15 अगस्त 2019 तक जनजातीय बंधुओं पर साहूकारों के जितने कर्ज है सबसे उन्हें मुक्ति मिल जाएगी. उनकी गिरवी रखी सम्पत्ति भी उन्हें वापस मिल जाएगी. ऐसे परिवारों पर जो बकाया कर्ज है उसकी जबरन वसूली करने पर सजा और जुर्माना होगा.
तीन साल की सजा होगी और एक लाख रूपये तक का जुर्माना देना पड़ेगा. सीएम ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिये गये हैं कि वे अपने जिलों में अनुसूचित क्षेत्रों में ऐसे जनजातीय परिवारों और साहूकारों पर नजर रखें. कोई भी साहूकार जबर्दस्ती कर्ज वसूली न कर पाये. ऐसे गैर लाइसेंसी साहूकारों की जानकारी भी मंगाई जा रही है.
मध्यप्रदेश अनुसूचित क्षेत्रों में साहूकारी विनियम 1972 में संशोधन का अध्यादेश भी राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिये भेजा जा रहा है. अनूसूचित क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने का अभियान चलाया जायेगा. जन-धन खातों में ओवरड्राफट की सुविधा का लाभ उठाने के लिये प्रेरित किया जायेगा. इसके बारे में पूरी जानकारी दी जायेगी. आदिवासी परिवारों को रु-पे कार्ड जारी किये जायेंगे...यदि पहले से उनके पास हैं और क्रियाशील नहीं हैं तो उन्हें क्रियाशील बनाया जायेगा.
मिलावटखोरी के खिलाफ सभी जिलों में अभियान जारी रखें
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान सिर्फ बड़े जिलों तक सीमित नहीं रहना चाहिए. इसे सभी जिलों में सघनता से चलायें....जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. प्रशासनिक सुधारों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. नई कार्य संस्कृति लाना पड़ेगा.
लापरवाही और ढिलाई प्रदेश के हित में कलेक्टरों से नहीं है. इसलिये सोच बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में जनता से जिलों के प्रशासन का फीडबैक मिलता रहता है...उन्होंने कहा कि जिलों में यह सुनिश्चित करें कि अधिकारी आम जनता के लिये उपलब्ध रहें. मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और सभी जिला अधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ दी.