मध्यप्रदेशः कर्ज से परेशान एक और अन्नदाता ने मौत को लगाया गले
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मध्यप्रदेशः कर्ज से परेशान एक और अन्नदाता ने मौत को लगाया गले

किसान 2002 में खंडवा के मूंदी क्षेत्र डूब में आने से सिवनी मालवा के ग्राम आगरा में निवास करने आ गया था.

किसान ने खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली

नई दिल्लीः मध्यप्रदेश में कर्ज और साहूकारों से परेशान किसानों की मौत का सिलसिला है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. कुछ दिनों पहले ही एक किसान ने कर्ज से परेशान होकर अपने खेत के पास स्थित कुएं में फांसी लगाकर हत्या कर ली थी. अब ऐसा ही मामला रविवार की शाम ग्राम आगरा खरार में सामने आया. आगरा खरार के किसान चंद्रकांत यादव पिता सुखलाल 52 वर्ष ने सूदखोरों से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया. परिवार वालों के अनुसार शनिवार को चंद्रकांत यादव घर से निकले थे रविवार की शाम 5 बजे गांव वालों को सूचना मिली कि खेत पर वह फांसी से लटके हुए हैं. परिवार वालों ने आरोप लगाया है सूदखोर बहुत ज्यादा परेशान कर रहे थे. जिसमें विशेष रुप से सिवनी मालवा बानापुरा के निजी ज्वेलर्स का बार-बार फोन आता था कि पैसे दे दो नहीं तो मैं तुम्हारी जमीन अपने नाम करवा लूंगा और चेक लगा दूंगा.

  1. लेनदारों से परेशान था किसान
  2. किसान पर 3.50 हजार का कर्ज था
  3. कई साहुकारों से ले रखा था कर्ज

कर्जदारों से परेशान था किसान
मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक के पास से दो सुसाइड नोट भी प्राप्त हुए हैं. जिसमें किस-किस को पैसा देना है उनके नाम लिखे हुए हैं. परंतु पूरा गांव एवं परिवार वाले निजी ज्वेलर्स के ऊपर आरोप लगा रहे हैं. मृतक किसान के परिवार का कहना है कि चंद्रकांत यदव ज्वेलर से काफी परेशान था.वह रोज-रोज फोन कर उधार चुकाने की बात को लेकर परेशान करता रहता था. दरअसल, मृतक किसान ने खेती-बाड़ी के लिए लगभग 3:50 लाख रूपय लिए थे. जिसके चलते ज्वेलर किसान से पैसे चुकाने की मांग कर रहा था. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज करके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

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2002 में मूंदी में आई बाढ़ के बाद बेच दी थी जमीन
सूत्रों की माने तो मृतक किसान 2002 में खंडवा के मूंदी क्षेत्र डूब में आने से सिवनी मालवा के ग्राम आगरा में निवास करने आ गया था. यहां पर उसकी लगभग 8.50 एकड़ जमीन थी. कर्जे के चलते कुछ समय पहले 4.50 एकड़ जमींन किसान के द्वारा बेच दी गई थी, लेकिन फिर भी जब कर्जा चुकता नहीं हो पाया तो उक्त किसान के द्वारा बानापुरा के अभय ज्वेलर्स सहित अन्य लोगो से कर्जा ले लिया गया. जैसे-जैसे ब्याज बढ़ता गया किसान की चिंता भी बढती चली गई और शनिवार आखिर किसान ने हार मान ली और मौत को गले लगा लिया.

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कर्ज से परेशान था किसान
परिजनों की मानें तो अभय ज्वेलर्स से किसान के द्वारा कर्ज लिया गया था. उसको लेकर किसान काफी दिनों से परेशान रहने लगा था. किसान के पास आए दिन अभय ज्वेलर्स से पैसे के लिए फोन आ रहे थे, जिसको लेकर किसान अवसाद में रहने लगा था और इसी के चलते किसान ने मौत को गले लगा लिया.

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