जैन संत ने सीएम को लिखे अपने पत्र में आंगनवाड़ी के बच्चों को अंडा वितरण की बजाय वैकल्पिक आहार वितरण की सलाह दी थी. साथ ही उन्होंने महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के बयान पर आपत्ति भी जताई थी.
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भोपाल: मध्य प्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा वितरण करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. जैन संत पुष्पेंद्र मुनि ने मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को पत्र लिख इस मुद्दे पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी. अब भाजपा का रिस्पॉन्स आया है. पार्टी ने साफ किया है कि वह आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा वितरण के खिलाफ पहले भी थी और अब भी है. मध्य प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि कोई विधायक या मंत्री अपनी तरफ से राय देने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन पार्टी या सरकार कोई ऐसा फैसला नहीं करेगी जिससे बच्चे एक साथ बैठ कर न खा सकें.
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आपको बता दें कि जैन संत ने सीएम को लिखे अपने पत्र में आंगनवाड़ी के बच्चों को अंडा वितरण की बजाय वैकल्पिक आहार वितरण की सलाह दी थी. साथ ही उन्होंने महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के बयान पर आपत्ति भी जताई थी. आपको बता दें कि आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा वितरण करने का आइडिया शिवराज सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी का है. कमलनाथ सरकार में भी इमरती देवी के पास इसी विभाग की जिम्मेदारी थी. तब उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों को पोषण युक्त भोजन में अंडा खिलाने का फैसला लिया था, जिसका भाजपा ने जोरदार विरोध किया था.
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अब इमरती देवी भाजपा में शामिल हो गई हैं और फिर से उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी ही सौंपी गई है. बीते रविवार को उन्होंने एक बार फिर आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा वितरण की बात दोहराई थी. उन्होंने कहा था, ''बच्चे कुपोषित हैं. मैं चाहती हूं कि उनके लिए अंडा वितरण की व्यवस्था की जाए. मैं अपने प्रदेश को स्वस्थ देखना चाहती हूं. इससे प्रदेश में सभी जगह बीमारी दूर होगी.'' हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि जिन बच्चों के परिवार में अंडे खाए जाते हैं उन्हीं को अंडे दिए जाएंगे, बाकी लोगों को फल दिए जाएंगे. जिन्हें अंडा खाना हो खाएं और जिन्हें नहीं खाना हो, न खाएं. हम किसी को जबरदस्ती अंडा खिलाने नहीं जा रहे हैं.
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