मध्य प्रदेशः कंप्यूटर बाबा ने मांगा विधानसभा टिकट, दुविधा में पड़ी भाजपा
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मध्य प्रदेशः कंप्यूटर बाबा ने मांगा विधानसभा टिकट, दुविधा में पड़ी भाजपा

सरकार में हिस्सेदारी कर रहे महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज भी गौ-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष बनकर सक्रिय हैं.

कंप्यूटर बाबा (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः कंप्यूटर बाबा की विधानसभा टिकट की चाहत ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दरअसल, कंप्यूटर बाबा को बीजेपी ने राज्य में मंत्री का दर्जा देकर सरकार का हिस्सा इसलिए बनाया था कि वह नर्मदा संरक्षण को लेकर जन जागरूकता करें, लेकिन चंद महीने में ही बाबा ने चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर दी है. जिसके कारण बीजेपी संकोच में पड़ गई है कि वे कंप्यूटर बाबा को क्या जवाब दें. दरअसल, बाबा को टिकट दे दिया तो संत-महात्माओं की ऐसी बड़ी फौज है जो टिकट की मांग कर सकती है. दूसरी बात ये कि सरकार में हिस्सेदारी कर रहे महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज भी गौ-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष बनकर सक्रिय हैं. ऐसे में अगर भाजपा कंप्यूटर बाबा को टिकट देती है तो हो सकता है कि ऐसी ही मंशा महामंण्डेश्वर स्वामी भी जाहिर कर दें.

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कंप्यूटर बाबा के दावे के बाद बढ़ी भाजपा की मुश्किलें
ऐसे में भाजपा परेशान है कि अगर बाबाओं को टिकट दे दिया गया तो विधानसभा सीटों पर दावेदारी जताने वाले बीजेपी के पुराने नेताओं का क्या होगा. कंप्यूटर बाबा के विधानसभा टिकट मांगने पर मध्य प्रदेश में भाजपा की दिक्कतें बढ़ गई हैं. क्योंकि अगर भाजपा कंप्यूटर बाबा को टिकट दिया गया तो इससे अन्य बाबा भी इसकी मांग कर सकते हैं और अगर नहीं दिया गया तो कंप्यूटर बाबा पार्टी के विरोध में खड़े हो सकते हैं.

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टिकट का आखिरी फैसला चुनाव समिति लेगी
बता दें कि कंप्यूटर बाबा के दावे पर कई बीजेपी नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है. बीजेपी में बाबा के टिकट के दावे को लेकर चर्चाएं हो गयी हैं. वहीं इसके बाद पार्टी भी पशोपेश में है. बता दें बीजेपी का नारा है 'सबका साथ, सबका विकास'. जिसके चलते अब यह बीजेपी के लिए ही समस्या बन गया है, लेकिन टिकट का आखिरी फैसला चुनाव समिति लेगी. वहीं कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ने धर्म सत्ता का राजनीति में उपयोग करके गलती कर दी है. धर्म सत्ता सामाजिक मूल्यों की निगरानी करके सुधार करती है. यदि बाबा राजनीति की मोहमाया में फंस जाएंगे तो सामाजिक समीकरण बिगड़ जाएंगे.

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