मध्य प्रदेश के मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने माना है कि उनकी सरकार अवैध खनन रोकने में अब तक असफल रही है. राज्य में नर्मदा नदी, केन नदी, बेतवा, काली सिंध सहित कई नदियों में अवैध खनन तो हो ही रहा है, पहाड़ों को तोड़ने का दौर भी जारी है. यह सिलसिला कोई आज शुरू नहीं हुआ है, बल्कि वर्षो से चला आ रहा है.
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भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अवैध खनन को मुद्दा बनाया था. राज्य में कांग्रेस की सरकार बने आठ माह से ज्यादा समय गुजर गया है, फिर भी अवैध खनन बदस्तूर जारी है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने जहां अवैध खनन पर सवाल उठाए हैं, वहीं राज्य सरकार के मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने माना है कि उनकी सरकार अवैध खनन रोकने में अब तक असफल रही है. राज्य में नर्मदा नदी, केन नदी, बेतवा, काली सिंध सहित कई नदियों में अवैध खनन तो हो ही रहा है, पहाड़ों को तोड़ने का दौर भी जारी है. यह सिलसिला कोई आज शुरू नहीं हुआ है, बल्कि वर्षो से चला आ रहा है.
राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने ट्वीट कर अवैध खनन पर चिंता जताई है. उन्होंने लिखा है, "खदानों के संचालन में पारदर्शिता की आवश्यकता. 80 प्रतिशत गिट्टी खदानों का धंधा राजनेताओं की गिरफ्त में. रॉयल्टी की चोरी एक आम बात. जिस प्रकार गत 15 वर्षो में नर्मदा एवं अन्य नदियों का दोहन हुआ, यह सार्वजनिक शर्मिंदगी का प्रतीक है."
वहीं राज्य सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने भी माना है कि उनकी सरकार अवैध खनन रोकने में नाकाम रही है. उन्होंने कहा, "बीते 15 साल से अवैध खनन के खिलाफ हम लड़ाई लड़े, मगर हमारी सरकार आने के आठ माह बाद हम इस मामले में कुछ भी करने में कामयाब नहीं हुए हैं." डॉ. सिंह ने सरकार की असफलता के लिए माफी भी मांगी है. उन्होंने यह बयान सांसद तन्खा का ट्वीट आने के बाद दिया.
डॉ. सिंह ने शनिवार को कहा था कि सिर्फ दतिया और भिंड़ जिले में ही अवैध खनन के चलते सरकार को पांच से 10 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है.
सहकारिता मंत्री के बयान की पार्टी के नेता ही आलोचना करने लगे हैं. कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुनील तिवारी ने कहा, "सवाल है कि यह अवैध खनन करा कौन रहा है, इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ को ध्यान देना चाहिए. डॉ. सिंह दतिया जिले के प्रभारी मंत्री हैं और इस जिले में उनके करीबियों द्वारा ही अवैध खनन का काम किया जा रहा है. थानों से लेकर सारे अधिकारी उनकी पसंद के हैं, फिर भी अवैध खनन क्यों हो रहा है? तो क्या डॉ. सिंह यह मान रहे हैं कि दतिया जिले की सरकारी मशीनरी पर उनका नियंत्रण नहीं है? यह बात उन्हें स्पष्ट करना चाहिए. वास्तव में ऐसा है तो मंत्री डॉ. सिंह को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए."
प्रदेश सचिव तिवारी ने इसी माह की 19 तारीख को दतिया जिले में अवैध खनन को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा था और उसमें कहा था कि जिले में रेत का अवैध खनन पुलिस के संरक्षण में हो रहा है, क्योंकि तमाम थानों के प्रभारियों को अवैध रेत परिवहन करने वाले वाहनों से तय रकम मिलती है.