MP: मिड डे मील में निकले मरे चूहे, बच्चों की बिगड़ी हालत
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MP: मिड डे मील में निकले मरे चूहे, बच्चों की बिगड़ी हालत

सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ियों में मध्याह्न भोजन योजना (मिड डे मील) व्यापक रूप से चलाई जाती है.

मिड डे मील में गड़बड़ी के मामले भी आए दिन सामने आते रहते हैं.

नई दिल्ली/जबलपुर: सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ियों में मध्याह्न भोजन योजना (मिड डे मील) की योजना व्यापक रूप से चलाई जाती है. वहीं मिड डे मील में गड़बड़ी के मामले भी आए दिन सामने आते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले में सामने आया है. यहां एक आंगनवाड़ी के मिड डे मील में मरे हुए चूहे मिले हैं. बताया जा रहा है कि मिड डे मील को बच्चों में बांट दिया गया था. खराब भोजन के कारण बच्चों की हालत बिगड़ गई. बच्चों की हालत बिगड़ते ही हड़कंप मच गया. आनन-फानन में सभी बीमार बच्चों को मेडिकल कॉलेज भिजवाया गया. 

खिचड़ी में निकले मरे चूहे
सागर जिले के अंतर्गत आने वाले लालेपुरा में आंगनबाड़ी में बच्चों की तबीयत अचानक ही बिगड़ने लगी. लोगों ने पड़ताल की, तो सामने आया कि बच्चों को मिड डे मील में जो खिचड़ी खिलाई गई थी, उसमें चार मरे चूहे निकले. लोगों ने जब मरे चूहे देखे, तो गांव में हड़कंप मच गया. इसके कुछ ही देर बाद बच्चों को उल्टियां होना भी शुरू हो गई. बच्चों को तत्काल ही बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज भिजवाया गया. बताया जा रहा है कि बच्चों की स्थिति सामान्य हो गई है. वहीं सूचना के बाद मौके पर पहुंचे महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रदीप राय ने कहा कि मिड डे मील सप्लायर कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. सभी बच्चों को इलाज के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर भिजवाया गया है. अपर कलेक्टर सागर तन्वी हुड्डा ने कहा कि भोजन में चूहे मिलने की पुष्टि हुई है. 

अधिकारियों ने मिड डे मील सप्लायर कंपनी के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करा दिया है. आपको बता दें कि सरकार द्वारा मिड डे मील से बच्चों को शिक्षा की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है. साथ ही सरकार का मानना है कि मिड डे मील योजना से जाति और वर्ग के बीच का भेद भी समाप्त किया जा सकता है.

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