मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2013 में कांग्रेस को भले ही 58 सीटें मिली हो, लेकिन वह 36.38 फीसदी वोट पाने में भी कामयाब रही थी.
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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस और बसपा के संभावित गठबंधन से होने वाले नुकसान का आंकलन बीजेपी ने शुरू कर दिया है. इसी आंकलन के आधार पर बीजेपी मध्य प्रदेश विधानसभा चुवानों के लिए अपनी नई रणनीति तैयार करेगी. गठबंधन से नुकसान का प्रारंभिक आंकलन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आज दिल्ली बुलाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ मुख्यमंत्रियों की होने वाली इस बैठक में दो बिंदुओ पर आंकलन किया जाएगा. पहला बिंदु विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और बसपा के बीच होने वाले गठबंधन से पड़ने वाले असर पर आधारित होगा. वहीं दूसरा बिंदु विधानसभा के बाद होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा शासित राज्यों में परिणाम की स्थिति के बारे में आंकलन किया जाएगा.
तीन राज्यों में बीएसपी के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है कांग्रेस
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में बीएसपी का साथ लेने के लिए कांग्रेस लंबे समय से प्रयासरत है. माना जा रहा है कि कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन को लेकर सैद्धांतिक सहमति भी बन गई है. हालांकि कुछ मुद्दे अभी ऐसे हैं, जिस पर सहमति बनाने के लिए दोनों दोनों के बीच में लगातार बातचीत जारी है. आशा जताई जा रही है कि इन मुद्दों के सुलझते ही मध्य प्रदेश में सबसे पहले कांग्रेस और बीएसपी के गठबंधन की घोषणा की जा सकती है. वहीं मध्य प्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ और राजस्थान में गठबंधन के फैसले को अंतिम रूप दिया जा सकेगा.
बीते चुनावों में बीएसपी ने मध्य प्रदेश में हासिल किए थे 6% मत
कांग्रेस का मकसद बीएसपी के सहारे मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत और हार के अंतर को पाटना है. मध्य प्रदेश की बात करें तो विधानसभा चुनाव 2013 में बीजेपी ने 44.80 फीसदी मतों के साथ 165 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस ने 36.38 फीसदी मतों के साथ 58 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. वहीं बीएसपी इन चुनावों में कोई खास धमाल तो नहीं कर पाई, लेकिन वह 4 सीट जीतकर 6.29 फीसदी मत हासिल करने में कामयाब रही थी. वहीं 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की थी.
बीएसपी के सहारे हार और जीत के अंतर को पाट पाएगी कांग्रेस?
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस का मानना है कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2013 में उसे भले ही 58 सीटें मिली हो, लेकिन वह 36.38 फीसदी वोट पाने में भी कामयाब रही थी. बीजेपी और कांग्रेस के बीच जीत और हार का अंतर 8.42 फीसदी मतों का था. ऐसे में यदि, बीएसपी उसके साथ आती है तो सीधे तौर पर करीब 6 फीसदी वोट उसके हिस्से में आ जाएगा. जिसके बाद जीत का अंतर करीब 2 फीसदी का बच जाएगा. चूंकि बीते 15 सालों से मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और विभिन्न मुद्दो पर लोग बीजेपी से नाराज है, लिहाजा, दो फीसदी वोट बेहद आसानी से हासिल कर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में आसानी से जीत हासिल की जा सकती है.