कमलनाथ ने मायावती और अखिलेश यादव को शपथ ग्रहण मेंं आमंत्रित किया.
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नई दिल्ली/भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजों (madhya pradesh assembly election results) के बाद आखिरकार काफी गहमागहमी के बाद मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री तय हो गया है. गुरुवार दिन भर कांग्रेस आलाकमान की बैठकों के बाद कमलनाथ विधायक दल के नेता चुने गए. अब वह प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे. कमलनाथ को राज्यपाल ने प्रदेश में सरकार बनाने का न्यौता दिया है. कमलनाथ ने आज (14 दिसंबर) राज्यपाल आनंदी बेन से मुुुुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया. इस दौरान उनके साथ दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी और अरुण यादव समेत कुछ नेता भी मौजूद रहे.
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक कमलनाथ 17 दिसंबर को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में दोपहर 01:30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में बसपा प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हो सकते हैं. कमलनाथ ने मायावती और अखिलेश यादव को खुद फोन करके शपथ ग्रहण समारोह में आने के लिए न्योता दिया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी कमलनाथ के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने भोपाल जाएंगे. राहुल गांधी के लिए लाल परेड मैदान के अंदर स्थित मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में हेलीपैड बनाया जा रहा है. कई वीआईपी के लिए हेलीपैड बनाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि समारोह में साधु-संतों को भी बुलाया जाएगा. साथ ही चार राज्यों के मुख्यमंत्री भी इसमें शामिल होंगे.
गुरुवार को दिल्ली और भोपाल में दिनभर चली रस्साकसी के बाद देर रात कमलनाथ के नाम का ऐलान मुख्यमंत्री के तौर पर किया गया. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी. कमलनाथ छिंदवाड़ा से नौ बार के सांसद रहे हैं. उन्हें चुनाव से ऐन वक्त पहले कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था.
सीएम चुने जाने के बाद कमलनाथ ने कहा कि सीएम पद मेरे लिए मील का पत्थर है. समर्थन के लिए ज्योतिरादित्य का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने स्वीकार किया कि आगे आना वक्त चुनौती भरा है. कमलनाथ ने ये भी कहा, "हम सब मिलकर वादों को पूरा करेंगे. मुझे सीएम पद के लिए भूख नहीं है. कोई मांग नहीं थी." कमलनाथ ने कहा कि हम एक नई पारी की शुरुआत करेंगे.
कमलनाथ गुरुवार देर रात भोपाल पहुंचे, जहां हवाईअड्डे पर उनके समर्थकों ने ‘जय जय कमलनाथ’ के नारे से उनका स्वागत किया. वहां से वह विधायक दल के नेता के चयन के लिए नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के लिए सीधे पार्टी कार्यालय गए. कांग्रेस की अगुआई वाली पिछली सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे कमलनाथ मध्य प्रदेश में कांग्रेस द्वारा सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ जीत दर्ज करने के समय से ही मुख्यमंत्री पद के शीर्ष दावेदार थे. राज्य में पिछले 15 साल से भाजपा सत्ता में थी. पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे.
गुरुवार को सूत्रों के मुताबिक यह भी कहा जा रहा था कि कमलनाथ के मंत्रिमंडल में 12 मंत्री होंगे. इनकी लिस्ट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह बना रहे हैं. विधानसभा चुनाव में राज्य की 230 सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली है वहीं भाजपा को 109 सीट पर जीत मिली है. बसपा को दो और सपा को एक सीट मिली है.