MP चुनाव 2018: राजनगर में कहीं कांग्रेस-BJP का खेल बिगाड़ न दें सत्यव्रत के बेटे नितिन चतुर्वेदी !
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MP चुनाव 2018: राजनगर में कहीं कांग्रेस-BJP का खेल बिगाड़ न दें सत्यव्रत के बेटे नितिन चतुर्वेदी !

राजनगर की राजनीतिक गणित की बात की जाए तो पिछले 10 सालों से इस सीट पर कांग्रेस का राज रहा है.

फोटो साभारः facebook

नई दिल्लीः मध्य प्रदेश का राजनीतिक गणित इस समय संशय की स्थिति से जूझ रहा है. जहां एक ओर भाजपा के कई नेता कांग्रेस में शमिल हो गए हैं तो वहीं कई कांग्रेसी नेताओं ने भी मतभेदों के चलते अपनी पार्टी का हाथ छोड़ दिया है. इन्हीं में से एक हैं छतरपुर क्षेत्र में खासा दबदबा रखने वाले सत्यव्रत चतुर्वेदी. जिन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ सपा का दामन थाम लिया है. बता दें राजनगर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक विक्रम सिंह (नाती राजा) हैं और इस बार भी कांग्रेस ने इन्हें ही टिकट देकर प्रत्याशी घोषित किया है. वहीं भाजपा ने युवा नेता अरविंद पटेरिया को भाजपा का चेहरा बनाया है. 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नाती राजा ने भाजपा उम्मीद्वार रामकृष्ण कुसमरिया को करीब 2500 वोटों के अंतर से हराया था.

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राजनगर विधानसभा सीट
14,253 मतदाताओं वाली यह विधानसभा सीट छतरपुर की 6 विधानसभा सीटों में से एक एक है. राजनगर के राजनीतिक गणित की बात की जाए तो पिछले 10 सालों से इस सीट पर कांग्रेस का राज रहा है. बता दें राजनगर विधानसभा सीट 1951 में विंध्य प्रदेश की 48 विधानसभा सीटों में से एक के रूप में अस्तित्व में आई थी, लेकिन 1956 में इसे छतरपुर में मिला दिया गया. जिसके बाद 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह दोबारा अस्तित्व में आई. जिसके बाद 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस के हाथ ही आई है.

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राजनगर के मुद्दे
राजनगर विधानसभा सीट पर खजुराहो इंटरनेशनल एयरपोर्ट और एनटीपीसी का रुका काम दोबारा शुरू करना सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए अहम मुद्दा बना हुआ है. दरअसल, खजुराहो देश की प्राचीन धरोहरों में से एक है, जिसके चलते यहां पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. यही कारण है कि यहां की जनता काफी समय से क्षेत्र में इंटनेशनल एयपोर्ट की मांग कर रही है. इसके अलावा यहां शिक्षा और स्वास्थ्य व्वस्थाएं भी काफी डगमगाई हुई हैं. जिसके चलते डिग्री कॉलेज और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना और यहां स्टाफ की कमी दूर करना यहां के लोगों के लिए अहम मुद्दा बना हुआ है. 

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सत्यव्रत चतुर्वेदी (फोटो साभारः facebook)

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क्यों महत्वपूर्ण
2018 के विधानसभा चुनाव में राजनगर विधानसभा सीट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के युवा प्रत्याशियों को एक और युवा प्रत्याशी नितिन चतुर्वेदी टक्कर दे रहे हैं. नितिन चतुर्वेदी कांग्रेस के दिग्गज नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी के बेटे हैं. सत्यव्रत चतुर्वेदी 2018 के विधानसभा चुनाव में राजनगर विधानसभा सीट से अपने बेटे नितिन चतुर्वेदी के लिए विधानसभा टिकट चाहते थे, लेकिन कांग्रेस उनके पुत्र को टिकट देने के लिए राजी नहीं थी. ऐसे में सत्यव्रत चतुर्वेदी के बेटे को सपा से टिकट मिल गया. जिसके बाद से सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कांग्रेस का स्टार प्रचारक होने के बावजूद बेटे के पक्ष में सपा का प्रचार करना शुरू कर दिया, जिससे नाराज कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया और पार्टी छोड़ने के बाद खुद सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी सपा का हाथ थाम लिया.

राजनगर पिन कोड
471105

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