MP: अब पानी गंदा करने वालों की खैर नहीं, 18 महीने की हो सकती है जेल
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MP: अब पानी गंदा करने वालों की खैर नहीं, 18 महीने की हो सकती है जेल

 मध्य प्रदेश सरकार अब स्वच्छ पेयजल और संरक्षण को लेकर कानून बनाने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश सरकार राइट टू वाटर एक्ट लाने का विचार कर रही है. इस कानून का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है.

राइट टू वाटर एक्ट  पर विचार

भोपाल: देश भर में पानी के संरक्षण को लेकर मुहिम चलाई जा रही है. इसी मुहिम के तहत मध्य प्रदेश सरकार अब स्वच्छ पेयजल और संरक्षण को लेकर कानून बनाने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश सरकार राइट टू वाटर एक्ट लाने का विचार कर रही है. इस कानून का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है.

राइट टू वाटर एक्ट ला सकती है सरकार
राइट टू वाटर एक्ट के तहत सार्वजनिक पानी को दूषित करने पर 18 महीने की जेल और 1 लाख का जुर्माना हो सकता है. कहा जा रहा है कि गंदा पानी सप्लाई करने पर नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतों को भी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. पेयजल सप्लाई करने वाली संस्थाओं को साफ पानी के मानकों को पूरा नहीं करने पर 5 हजार की पेनाल्टी चुकानी पड़ सकती है.

पानी को गंदा करना एक बड़ा अपराध है
कानून के तहत घरों में वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट लगाना जरूरी किया जा सकता है और ऐसा नहीं करने पर भी 5 हजार रुपये की पेनाल्टी देनी पड़ सकती है. बताया जा रहा है कि, इस एक्ट के ड्राफ्ट में पानी को गंदा करना एक बड़ा अपराध बताया गया है, ऐसा करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी होगी और बिना कोर्ट से जमानत के उसकी रिहाई भी नहीं हो सकेगी.

विधानसभा सत्र में लाया जा सकता है बिल
जानकारी के मुताबिक. कानून के तहत राज्य जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन होगा. साथ ही हर नगरीय निकाय और ग्रामीण क्षेत्र में हर ब्लॉक पर एक जलसा कायत निवारण अधिकारी की भी नियुक्ति की जा सकती है. बताया जा रहा है कि इनकी नियुक्ति सिर्फ 5 साल के लिए होगी. हर 5 साल बाद या तो इन्हें दोबारा नियुक्त किया जाएगा. जल्दी ही इस बिल को विधानसभा सत्र में पेश किया जा सकता है.

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