आनंदीबेन की 'पहल' के बाद टीबी पीड़ित 1200 बच्चों को मिलेगी दवाएं और पौष्टिक आहार
Advertisement

आनंदीबेन की 'पहल' के बाद टीबी पीड़ित 1200 बच्चों को मिलेगी दवाएं और पौष्टिक आहार

मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से पीड़ित बच्चों को इलाज के दौरान संतुलित आहार और समय पर दवाएं मिलने के लिए एक प्रयास किया था.

आनंदीबेन पटेल ने भोपाल के   पांच बच्चों को टीबी उपचार के लिए गोद लिया है.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली/भोपाल: मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से पीड़ित बच्चों को इलाज के दौरान संतुलित आहार और समय पर दवाएं मिलने के लिए एक प्रयास किया था. आनंदीबेन पटेल ने भोपाल के पांच बच्चों को टीबी उपचार के लिए गोद लिया है. साथ ही आनंदीबेन ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, प्रोफेसर, डॉक्टर और दूसरे सामाजिक संगठनों से 20-20 टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लेने की अपील की थी. आनंदीबेन की इस पहल के बाद प्रदेश की विभिन्न संस्थाओं ने टीबी से पीड़ित 1200 बच्चों को गोद लिया है. वहीं प्रदेश की राजधानी भोपाल में सर्वाधिक 700 टीबी पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए गोद लिया गया है. पीड़ित बच्चों को गोद लेने के लिए हर सप्ताह उसकी खुराक के अनुसार जरूरी फल और संतुलित भोजन की व्यवस्था की शर्त रखी गई है. आपको बता दें कि ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से पीड़ित बच्चों को सरकार द्वारा हर माह 500 रुपए की मदद की जाती है, जो नाकाफी साबित होती है.

  1. बच्चे के लिए फल और संतुलित भोजन की व्यवस्था की शर्त

    इस साल सामने आ चुके हैं भोपाल में 2000 टीबी के मरीज

    भोपाल में हर साल टीबी के 6000 मरीज सामने आते हैं

क्या है गोद लेने के लिए शर्त
कुलपतियों, प्रोफेसर, डॉक्टर और दूसरे सामाजिक संगठनों की जिम्मेदारी होती है कि वे सुनिश्चित करें कि पीड़ित बच्चों को वक्त पर दवाएं और पौष्टिक आहार मिल रहा है. स्वास्थ्य विभाग टीबी के वयस्क मरीजों की तरह ही बच्चों को भी दवाएं निशुल्क देता है. गौरतलब है कि इस साल भोपाल में 2000 टीबी के मरीज सामने आ चुके हैं. टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लेने वाले लोगों को बच्चे का पूरा ख्याल रखना होता है. गोद लेने वाले को टीबी से पीड़ित बच्चे की प्रत्येक 10 दिन में एक बार प्रोग्रेस रिपोर्ट बनाकर देनी होती है. आपको बता दें कि टीबी 'मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस' (Mycobacterium Tuberculosis) जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है. ये एक संक्रामक रोग है, जिसे क्षय रोग, तपेदिक आदि नामों से भी जाना जाता है.

टीबी मरीजों में 10 फीसदी बच्चे
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ये पहल डॉक्टरों की एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद की थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि प्रदेश में मिलने वाले कुल टीबी पीड़ित मरीजों में 10 प्रतिशत बच्चे होते हैं. बीते महीने आनंदीबेन प्रदेश टीबी एसोसिएशन की एक बैठक में शामिल हुई थी, जिसके बाद उन्होंने पांच बच्चों को गोद लिया था. रिपोर्ट में कहा गया था कि टीबी पीड़ित बच्चों में से 90 फीसदी को इलाज के दौरान संतुलित आहार और जरूरी प्रोटीन नहीं मिल पाता है. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को टीबी होने पर स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाती है. इलाज के दौरान गर्म दवाएं खाने से बच्चों की सेहत बिगड़ जाती है. वहीं आर्थिंक स्तर पर कमजोर परिवारों के पीड़ित बच्चों को पर्याप्त पोषक तत्वों वाला खाना नहीं मिल पाता और बीमारी बढ़ती जाती है. आपको बता दें कि अकेले भोपाल में ही हर साल टीबी के 6000 मरीज सामने आते हैं.

Trending news