अदालत ने इस अपराध को ‘‘चरम दुराचारिता’’ का कृत्य बताया और बालिकाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर संज्ञान लिया.
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जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने चार वर्षीय एक बालिका से बलात्कार और उसकी हत्या के लिए आरोपी को सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखते हुए कहा है, ‘‘दोषी जैसे व्यक्तियों से मानवता को ज्यादा खतरा है.’’ अदालत ने इस अपराध को ‘‘चरम दुराचारिता’’ का कृत्य बताया और बालिकाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर संज्ञान लिया. अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में कड़ी सजा अन्य अपराधियों को इस तरह के कृत्य से रोकेगी.
मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की एक खंडपीठ ने कहा, ‘‘इस तरह के कड़े निर्णयों से इन अपराधियों को यह संदेश जाता है कि यह एक कमजोर राज्य नहीं है, जहां इस तरह के अपराध करने वाले अपराधियों को मानवता की आड़ में राहत मिल सकती है.’’
शहडोल में दिया था कुकृत्य को अंजाम
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की शहडोल जिले की एक निचली अदालत ने दोषी राहुल चौहट्टा (23) को यह सजा सुनाई थी. राहुल ने इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर थी. पीठ ने अपील को खारिज करते हुए कहा, ‘‘बालिकाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे है इसलिए कड़ी सजा अन्य अपराधियों को इस तरह के अपराधों में संलिप्त होने से रोक सकती है.’’ दोषी राहुल गत वर्ष 13 मई को शहडोल में एक बालिका को बिस्कुट का प्रलोभन देकर ले गया और बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी. शहडोल के जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके सिंह ने इस वर्ष 28 फरवरी को राहुल को यह सजा सुनाई थी.
(इनपुट भाषा से)