MP : देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य, इसलिए कहलाता है भारत का दिल
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MP : देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य, इसलिए कहलाता है भारत का दिल

मंदिरों और अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों के लिए मशहूर मध्य प्रदेश राजनीतिक हलचलों की वजह से भी चर्चा में बना रहता है.

(फोटो साभार- Twitter)

नई दिल्ली : देश में पांच राज्यों के चुनाव हो चुके हैं और चुनावों का एग्जिट पोल भी सामने आ चुका है. मध्य प्रदेश भारत के सबसे बड़े क्षेत्रफल वाले राज्यों में दूसरे नंबर पर आता है. मंदिरों और अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों के लिए मशहूर मध्य प्रदेश राजनीतिक हलचलों की वजह से भी चर्चा में बना रहता है. मध्य प्रदेश की सीमाएं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है. आइए जानें देश का दिल कहे जाने वाले इस प्रदेश में कौन सी बोली भाषा, खानपान और यहां का रहन-सहन क्यों मशहूर है. 

मध्य प्रदेश का इतिहास और संस्कृति 
मध्य प्रदेश का गठन सन 1950 में किया गया था. उस समय इस राज्य की राजधानी नागपुर में थी. 1 नवंबर साल 1956 में विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्यों को भी इस राज्य में ही मिला दिया गया और  दक्षिण के मराठी भाषी क्षेत्र को (राजधानी नागपुर समेत) बॉम्बे राज्य में स्थानांतरित कर दिया गया. इसके बाद राज्य के जबलपुर शहर राजधानी बनाया गया. लेकिन कुछ इस समय बाद भोपाल को राज्य की राजधानी घोषित कर दिया गया. साल 2000 में 1 नवंबर को एक बार फिर मध्य प्रदेश का पुनर्गठन हुआ और छत्त्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से अलग होकर भारत का 26वां राज्य बना. मध्यप्रदेश में पांच लोक संस्कृतियों निमाड़, मालवा, बुंदेलखंड, बघेलखंड और ग्वालियर (चंबल) का समावेश है. 

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(फोटो साभार : @MPTourism)

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जनसंख्या के मामले में पांचवा सबसे बड़ा राज्य 
2011 की जनसंख्या गणना के मुताबिक यहां पर कुल 72626809 की आबादी है. देश के बीचोंबीच बसे इस प्रदेश को हिंदोस्तान का दिल भी कहा जाता है. नर्मदा नदी के चारो ओर बसे राज्य दक्षिण में महाराष्ट्र से, पश्चिम में गुजरात से घिरा हुआ है, जबकि इसके उत्तर-पश्चिम में राजस्थान, पूर्वोत्तर पर उत्तर प्रदेश और पूर्व में छत्तीसगढ़ स्थित हैं. यहां का मौसम ऋतुओं के अनुसार बदलता रहता है लेकिन यहां मानसून में भारी बारिश होती है. मध्य प्रदेश में कुल 52 जिले हैं. मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर इंदौर है. नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की सबसे प्रमुख नदी है. नर्मदा की सहायक नदियों में बंजार, तवा, मचना, शक्कर, देनवा और सोनभद्र नदियां आदि शामिल हैं. इसके अलावा ताप्ती नदी, चंबल, शिप्रा, कालीसिंध, पार्वती, कुनो, सिंध, बेतवा, धसान और केन नदियां भी हैं. शिप्रा नदी के किनारे प्राचीन शहर उज्जैन बसा हुआ है और हिंदू धर्म में शिप्रा को पवित्र नदियों में से एक माना गया है. यहां हर 12 साल में सिंहस्थ कुंभ मेला आयोजित किया जाता है. 

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(फोटो साभार : @MPTourism)

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पर्यटन और प्रदेश के खानपान के लिए मशहूर 
मालवा का खाना पूरे देश में मशहूर है. देश का दिल कहा जाने वाला प्रदेश अपने साथी राज्‍यों के खाने के स्‍वाद से काफी प्रभावित है. मध्‍य प्रदेश का खाना फूड लवर्स को काफी पसंद आता है. भुट्टे की खीस एमपी की ट्रेडिशनल रेसिपी है जिसे मक्‍का से बनाया जाता है. इस रेसिपी को अब लॉस्‍ट रेसिपीज में शामिल किया गया है. इसके अलावा मालवा की फेमस डिश दाल-बाफला, चक्‍की का शाक मध्यप्रदेश की सबसे लोकप्रिय रेसिपीज में से एक है. यहां का सेव और नमकीन तो पूरे देश में मशहूर है. मध्य में ट्रैवलर्स का भी खूब आना जाना लगा रहता है. यहां के पहाड़, मंदिर, शहर और जंगल सफारी पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक हैं. मध्य प्रदेश के तीन स्थलों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है, जिनमें खजुराहो (1986) जगदम्बी देवी मंदिर रीवा सहित, सांची बौद्ध स्मारक (1989) और भीमबेटका की रॉक शेल्टर (2003) शामिल हैं. अन्य स्थलों में अजयगढ़, अमरकंटक, असीरगढ़, बांधवगढ़, बावनगजा, भोपाल, विदिशा, चंदेरी, चित्रकूट, धार, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, बुरहानपुर, महेश्वर, मंडलेश्वर, मांडू, ओंकारेश्वर, ओरछा, पचमढ़ी, शिवपुरी, सोनागिरि, मण्डला और उज्जैन तुमैन शामिल हैं. 

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