सालों से हिंदुओं को गीता का ज्ञान दे रहे हैं रमजानी भाई चतुर्वेदी, बखूबी याद हैं रामायण के श्लोक
मुरैना (Morena) के जींगनी गांव के रहने वाले मौलाना रमजानी भाई चतुर्वेदी (Maulana Ramjani Bhai Chaturvedi) को कुरान (Quran) की आयतों के साथ ही वैदिक मंत्र और रामायण के श्लोक भी बखूबी याद हैं.
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शैलेन्द्र सिंह भदौरिया, मुरैनाः मध्य प्रदेश के मुरैना (Morena) में आपसी भाईचारे की अलग ही मिसाल देखने को मिल रही है. जहां के जींगनी गांव के रहने वाले मौलाना रमजानी भाई चतुर्वेदी (Maulana Ramjani Bhai Chaturvedi) को कुरान (Quran) की आयतों के साथ ही वैदिक मंत्र और रामायण के श्लोक भी बखूबी याद हैं. बचपन से ही रमजानी भाई बड़े-बुजुर्गों के साथ बैठकर रामायण और गीता सुनते थे. 15 साल की उम्र तक उन्होंने अरबी और फारसी का ज्ञान भी हासिल किया है. रामायण. गीता और वेदों के ज्ञान की वजह से उनके नाम के आगे चतुर्वेदी जुड़ गया.
आज मौलाना रमजानी भाई चतुर्वेदी को 7 भाषाएं आती हैं. उन्हें मुसलमानों के साथ-साथ हिंदू भी अपने घर में धार्मिक कार्यों में बुलाते हैं. मौलाना रमजानी चतुर्वेदी (Maulana Ramjani Bhai Chaturvedi) का कहना है कि उनका धर्म मानवता है. यही कारण है कि कुरान के साथ-साथ उन्होंने गीता और रामायण का भी ज्ञान हासिल किया है. मौलाना रमजानी चतुर्वेदी अक्सर ही हिंदुओ के घर रामायण सुनाते और मुस्लिम परिवारो में कुरान पढ़ते मिल जाते हैं.
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कुरान, रामायण और गीता उन्हें इस तरह से रटी है कि बिना किताब खोले ही बड़ी आसानी से रामायण के श्लोक सुनाते हैं. मौलाना साहब को ये धर्म किताबें जुबानी याद हैं. यही नहीं मौलाना जी इन सभी धर्म की किताबों के संदेश लोगों तक पहुंचाते हैं. यही वजह है कि जींगनी गांव के ही लोग नहीं आसपास के लोग भी मौलाना को धार्मिक कार्यक्रमों में बुलाते हैं, फिर चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान.
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