पीएम आवास योजना के तहत बने घरों से पीएम मोदी- शिवराज की तस्वीरें हटाई जाएं, HC का आदेश
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पीएम आवास योजना के तहत बने घरों से पीएम मोदी- शिवराज की तस्वीरें हटाई जाएं, HC का आदेश

याचिकाकर्ता संजय पुरोहित ने याचिका दायर कर तर्क दिया था कि देश भर में पीएम आवास योजना के तहत जो घर बनाए जा रहे हैं वह जनता के पैसे से बनाए जा रहे हैं

प्रतीकात्मक तस्वीर

ग्वालियरः प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जा रहे घरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फोटो युक्त टाइल्स के मामले में सरकार बैकफुट पर आ गई है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की युगलपीठ ने उस याचिका का निराकरण कर दिया है जिसमें पीएम आवास योजना के तहत बनाए जा रहे घरों के प्रवेश द्वार और रसोई घरों में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटोयुक्त टाइल्स लगाए जाने के आदेश को चुनौती दी गई थी. जिसके तहत कोर्ट ने घरों से ऐसे टाइल्स निकालने का आदेश दिया है जिनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो हैं. कोर्ट ने इन सभी को 3 माह के भीतर उखाड़ फेकने के बाद रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अदालत ने यह निर्णय मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के स्वतंत्र पत्रकार संजय पुरोहित की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. 

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जनता के पैसों से बनाए जा रहे आवास
याचिकाकर्ता संजय पुरोहित ने याचिका दायर कर तर्क दिया था कि देश भर में पीएम आवास योजना के तहत जो घर बनाए जा रहे हैं वह जनता के पैसे से बनाए जा रहे हैं, 4 अप्रैल को मध्यप्रदेश शासन के नगरीय प्रशासन ने एक आदेश जारी किया जिसमें लिखा गया था कि अब से जो भी आवास बनाए जाएंगे उनमें घर की रसोई और मुख्य द्वार पर पीएम मोदी और सीएम शिवराज की फोटोयुक्त टाइल्स लगाए जाएं, जो कि गलत है. क्योंकि जो भी घर बनाए जा रहे हैं वह जनता के पैसे से बनाए जा रहे हैं, तो घर के मुख्य द्वार और रसोई घरों में पीएम मोदी और सीएम शिवराज सिंह की फोटो क्यों लगाई जाए.

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जबरन फोटो लगाना मौलिक अधिकारों का हनन
संजय पुरोहित ने याचिका में घर की दीवारों पर जबरन किसी की फोटो लगाए जाने को गलत बताते हुए इसे मौलिक अधिकारों का हनन बताया है. बता दें प्रदेश में 2018 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कोर्ट का यह निर्णय काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. याचिकाकर्ता के मुताबिक चुनावों को देखते हुए ही नगरीय प्रशासन ने यह आदेश दिये हैं. फोटो लगाकर सरकार चुनावी फायदा लेना चाहती है. इसलिए फोटोयुक्त टाइल्स पर रोक लगाई जाए.

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