मुंबई: 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट के मामले में सुनवाई कर रही विशेष NIA अदालत ने बुधवार को भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को तीन दिसंबर को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है. घटना के एक पीड़ित के परिवार ने मामले में दैनिक आधार पर सुनवाई की अपील की थी, जिसके बाद अब इस मामले की सुनवाई रोजाना होगी और गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे. आपको बता दें कि अब तक इस मामले से जुड़े 495 में 140 गवाहों की गवाही हो चुकी है.


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कोरोना महामारी की वजह से देरी
एनआईए का कहना है कि आरोप तय किए जाने के बाद वह मामले में तेजी से सुनवाई पूरी करने के लगातार प्रयास कर रही है, जांच एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि मामले में पूर्व में सुनवाई कर रहे न्यायाधीश के सेवानिवृत्त होने और कोरोना वायरस महामारी की वजह से सुनवाई में काफी देरी हुई है.


इतने आरोप लगे है
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक सभी आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधी यूएपीए की धारा 16 और 18, आईपीसी की धारा 120बी, 302 (हत्या), 307 (हत्या की कोशिश) और 326 (इरादतन किसी को नुकसान पहुंचाना) के तहत मामला चल रहा है.


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कौन-कौन आरोपी
इस मामले में सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के अलावा रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर धर द्विवेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर चतुर्वेदी आरोपी है.


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क्या है मामला
महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव भिकू चौक के पास 29 सितंबर 2008 को हुए बम विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी और 101 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. जिसपर अदालत ने इस मामले में अक्टूबर 2018 में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, प्रज्ञा सिंह ठाकुर और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ आतंकवाद के मामले में आरोप तय किए थे.


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