पीड़ित ने बताया कि चार महीने बर्तन धुलवाए गए और उसके एवज में तीन महीने की तनख्वाह ही दी गयी.
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इरशाद हिंदुस्तानी/बैतूल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) में मर्चेंट नेवी (Merchant Navy) में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां तमिलनाडु की एक कंपनी ने युवक और उसके परिवार को नौकरी का सपना दिखाया और फिर उसे बर्तन मांजने (साफ करने) की नौकरी पर लगा दिया. किसी तरह बैतूल वापस लौटे युवक ने यहां पुलिस को आपबीती सुनाई, जिसके बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है.
पूरे देश में फैले इस नेटवर्क की ठगी का शिकार हुए युवक और उसके परिजन न्याय की तलाश में भटक रहे हैं. बताया जा रहा है कि बैतूल के रानीपुर निवासी राकेश धुर्वे को मर्चेंट नेवी में नौकरी के लिए ग्वालियर से कॉल आया था.
पीड़ित राकेश धुर्व ने बताया कि उसकी बाकायदा परीक्षा ली गयी और सलेक्शन करते हुए जयपुर बुलाकर ट्रेनिंग के लिए मुंबई भेज दिया गया. इससे पहले 6 माह की ट्रेनिंग के लिए उससे 50 हजार रुपये भी ले लिए गए. मुंबई में उसे छह माह की जगह सिर्फ 15 दिन ट्रेनिंग कराई गई और वापस जयपुर बुलाकर गोवा में जॉब की ज्वाइनिंग का लेटर थमा दिया गया.
इसके लिए फिर उससे तीन लाख रुपये ले लिए गए. युवक जब मर्चेंट नेवी ज्वाइन करने गोवा पहुंचा तो वहां उसे बर्तन साफ करने के काम पर लगा दिया गया. यहां राकेश से चार महीने बर्तन धुलवाए गए और उसके एवज में तीन महीने की तनख्वाह ही दी गयी. चौथे महीने उससे बिना वेतन के काम लिया गया. जिसके बाद किसी तरह भाग कर बैतूल पहुंचे युवक ने इस ठगी का खुलासा किया. जिस पर पुलिस ने उसे जांच का भरोसा दिलाया है.
बता दें कि चार्मिंग स्टार्ट्स मेरीटाइम एकेडमी और लायल्टी मेरिन सर्विस नाम की ये कंपनी तमिलनाडु के गांधीपुरम कोयंबटूर के पते पर काम करना बताती है. इस मामले में पीड़ित राकेश धुर्वे ने खास बातचीत में बताया कि ग्वालियर से काल आई थी. जहां दिव्या शर्मा नाम की महिला ने बुलाया था. एग्जाम पास करने के बाद जयपुर बुलाया.
पीड़ित की मां ने बताया कि उन्होंने पहले पचास हजार और फिर तीन लाख रुपये दिए. मर्चेंट नेवी के नाम पर लड़का गोवा में पड़ा रहा. किसी तरह दो हजार रुपये उधार लेकर वापस आया. उधर इस पूरे मामले में एसएसपी आरएस मिश्रा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. गोवा की कंपनी ने ठगा है. जांच करवा रहे हैं.