Madhya Pradesh Food: मध्य प्रदेश के जबलपुर में 105 साल पुरानी देवा मंगौड़े के दुकान का गर्मागर्म मंगौड़े देशभर में फेमस है. यहां मंगौड़े को खौलते हुए तेल से निकाला जाता है. जो अपने आप में हैरान करने वाली बात है.
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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के जबलपुर में देवा मंगोड़े नाम की यह दुकान बहुत मशहूर है. इस दुकान का स्वाद लोगों को अपना दीवाना बना देता है. यहां के मंगौड़े का नाम सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. आपको यह जानकार हैरानी होगी कि जबलपुर के फुहारा बाजार की इस दुकान में हर दिन खौलते तेल की कड़ाही में हाथ डालकर गर्मागर्म मंगौड़े निकाले जाते हैं.
यह दुकान 105 साल पुरानी है. इस दुकान का स्वाद बिल्कुल वैसा ही है जैसा 105 साल पहले हुआ करता था. इस दुकान की शुरुआत 1918 में स्व. कंछेदीलाल जैन ने की थी. उस समय यहां के मंगौड़े 10 पैसे में 50 ग्राम मिला करते थे. उसके बाद इस दुकान को दालचंद जैन और फिर देवेंद्र जैन ने चलाई. यह दुकान पिछले चार पीढ़ियों से चली आ रही है. अब चौथी पीढ़ी के अतुल जैन ने इस दुकान की कमान संभाल ली है.
मंगौड़े तलने से पहले करते हैं पूजा
इस दुकान में मंगौड़े तलने से पहले विधिवत पूजा-अर्चना किया जाता है. खौलते हुए तेल में हाथ डाला जाता है. यह प्रथा शुरू से चलती आ रही है. यह हुनर अतुल जैन ने अपने पिता से सिखी है. देवा मंगौड़े के इस दुकान में बड़े-बड़े नेता भी आते हैं. यहां के मंगौड़े का लुत्फ उठाते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के साथ-साथ कई बड़े मंत्री भी आ चुके हैं.
सिल-लोढ़ा से पीसा जाता हैं मूंग
मिक्सर व चक्की के जमाने में यहां आज भी सिल-लोढे के पारंपरिक तरीके से ही मूंग पीसा जाता है. इसलिए यहां की मूंग का स्वाद लाजवाब होता है. अतुल की चाची सिलबट्टे से 5 घंटे में मसाला और दाल पीसकर तैयार करती हैं. मंगौड़े की चटनी बनाने में लगभग 5 घंटे का समय लगता हैं. अदरक और मिर्च आदि का इतना संतुलित मिश्रण होता है कि यहां के गर्मागर्म मंगौडे़ को खाने के बाद लोग खुश हो जाते हैं. दोपहर के 1 बजे से रात के 9 बजे तक यहां मंगौड़ों के लिए ग्राहकों की भीड़ रहती है. यहां मंगौड़े के साथ-साथ समोसा, आलूबंड़ा, साबूदाना बड़ा, भाजीबड़ा और भजिया भी मलता है.