धनसंग्रह के लिए राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से 10 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक के कूपन जारी हुए हैं. जबकि 20000 रुपए तक का सहयोग नगद और इससे अधिक राशि चेक के जरिए ली जा रही है. यह अभियान करीब डेढ़ महीने तक चलेगा और इसके तहत देश भर में करीब 13 करोड़ के परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है.
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भोपालः अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह अभियान की शुरुआत शुक्रवार से पूरे देश में हो गई. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अभियान की शुरुआत की. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निधि समर्पण अभियान के केंद्रीय सह अभियान प्रमुख विनायक राव शुक्रवार सुबह 10 बजे सीएम हाउस पहुंचे.
यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 1 लाख रुपए का चेक सौंपा. सीएम ने कहा, ''जीवन का सबसे सौभाग्य शाली दिन है. मानव जीवन सफल हो गया. राम मंदिर के लिए एक ईंट का योगदान परिवार को करने का मौका मिला. यह राम मंदिर असल में राष्ट्र मंदिर है.''
आज निवास पर #श्रीराम_जन्मभूमि_निधि_समर्पण_अभियान में सहयोग राशि दान कर विश्व हिंदू परिषद के श्री विनायकराव देशपांडे जी एवं अन्य गणमान्य साथियों के साथ अभियान का शुभारंभ किया।
आज का दिन मेरे जीवन का सबसे सौभाग्यशाली दिन है। ऐसा लग रहा है, जैसे मानव जीवन सफल हो गया। pic.twitter.com/R15Wv6ISNr
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 15, 2021
भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण में एक ईंट हमारे परिवार की भी लगेगी। राम मंदिर नहीं, सचमुच में यह राष्ट्र मंदिर है।
राम हमारे अस्तित्व हैं, राम हमारे आराध्य हैं, राम हमारे प्राण हैं, राम हमारे भगवान हैं और श्री राम भारत की पहचान हैं। बिना राम के यह देश नहीं जाना जा सकता है। pic.twitter.com/fbolPWh3oU
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 15, 2021
राम हमारे रोम-रोम में रमे हैं, राम हमारी हर सांस में बसे हैं।
यह सौभाग्य है कि अब भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण जनसहयोग से हो रहा है और इसमें गिलहरी की तरह अपना योगदान देने का हमें भी सौभाग्य मिला है।
जय सियाराम! pic.twitter.com/oPZkw8r9C9
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 15, 2021
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इससे पहले ही मध्य भारत में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि जुटा लिया है. धनसंग्रह के लिए राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से 10 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक के कूपन जारी हुए हैं. जबकि 20000 रुपए तक का सहयोग नगद और इससे अधिक राशि चेक के जरिए ली जा रही है. यह अभियान करीब डेढ़ महीने तक चलेगा और इसके तहत देश भर में करीब 13 करोड़ के परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है.
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देश के 5 लाख 50 हजार गांवों तक पहुंचने की कोशिश
वीएचपी और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े लोग देश भर के करीब 5 लाख 50 हजार गांवों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे. इस दौरान करीब 13 करोड़ परिवारों से धन संग्रह का लक्ष्य रखा गया है. यानी एक तरह से औसतन एक परिवार में पांच लोग मानें जाएं तो इस डेढ़ महीने के दौरान करीब 65 करोड़ लोगों तक पहुंचने की तैयारी की गई है. इन पर्चियों पर अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर की तस्वीर के साथ ही श्री राम की छवि भी मौजूद रहेगी. जो भी लोग इस अभियान के तहत पैसा देंगेए उनको ये रसीद दी जाएगी. वहीं 2 हजार से ज्यादा का योगदान करने वाले लोगों को एक अलग तरह की रसीद दी जाएगी जिससे वो आयकर छूट का फायदा भी उठा सकते हैं.
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राष्ट्रपति से दान लेकर संग्रह अभियान की शुरुआत
वीएचपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि राम मंदिर धन संग्रह अभियान की शुरुआत राष्ट्रपति जो कि देश के प्रथम नागरिक माने जाते हैं उनसे मुलाकात के साथ हुई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राम मंदिर निर्माण के लिए 5,00,100 रुपए दान किया. राष्ट्रपति से शुभकामनाएं लेने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी जी महाराज, विहिप कार्याध्यक्ष एडवोकेट अलोक कुमार, राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक कुलभूषण आहूजा दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे.
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साल 2024 तक अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का लक्ष्य
आलोक कुमार के मुताबिक इस अभियान के तहत देश में करोड़ों लोगों तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी. ऐसे में उन करोड़ों लोगों में विपक्षी दलों के नेता से लेकर समाज के अलग.अलग क्षेत्रों से आने वाले लोगों से राम मंदिर के निर्माण के लिए धन संग्रह और योगदान के लिए संपर्क किया जाएगा. कोशिश यही है की मंदिर का निर्माण ऐसा हो जो हजारों सालों तक याद रखा जाए. राम मंदिर का निर्माण साल 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. उम्मीद है श्रद्धालु अयोध्या में साल 2024 में भव्य राम मंदिर में पहुंचकर रामलला विराजमान के दर्शन कर सकेंगे.
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