MP: मूक-बधिरों की आवाज बनी 9 साल की फौजिया, अफसरों के सामने रखती है पीड़ितों की बात
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MP: मूक-बधिरों की आवाज बनी 9 साल की फौजिया, अफसरों के सामने रखती है पीड़ितों की बात

खंडवा में एक 9 साल की बच्ची अपनी संवाद कला के कारण पुलिस की मददगार साबित हो रही है.

पुलिस के सामने साइन लेंग्वेज ट्रांसलेट करती है फौजिया

नई दिल्लीः खंडवा में एक 9 साल की बच्ची अपनी संवाद कला के कारण पुलिस की मददगार साबित हो रही है. कई मौकों पर वह न केवल पीड़ितों की मदद करती है, बल्कि पुलिस को भी उलझनों से निकालती है. 9 साल की फौजिया खंडवा के मूक-बधिरों की आवाज बनकर उभरी है और पुलिस  के सामने उनका सही पक्ष  रखती है. यही नहीं फौजिया मूक-बधिर फरियादी या आरोपी से पूछताछ  के लिए भी पुलिस के प्रश्नों के लिए हमेशा तैयार रहती है. दरअसल, फौजिया के माता-पिता भी मूक-बधिर हैं, लेकिन फौजिया बोल भी सकती है और सुन भी सकती है. ऐसे में फौजिया शुरू से ही अपने माता-पिता से साइन लेंग्वेज में बात करती आ रही है. जिसके चलते फौजिया को साइन लेंग्वेज अच्छे से समझ में आती है. यही कारण है कि फौजिया मूक-बधिरों की सांकेतिक भाषा को समझकर बोलचाल की भाषा मे ट्रांसलेट करती है.  इसी कारण फौजिया खंडवा में खास मुकाम रखती है.

सिख समाज के स्कूल की चौथी क्लास की छात्रा
खंडवा के सिख समाज के स्कूल में कक्षा चौथी में पढ़ने वाली फौजिया वैसे तो एक सामान्य लड़की है लेकिन इसका एक खास हुनर उसे दूसरे बच्चों से अलग मुकाम दिलाता है.  यह लड़की हिंदी बोलते हुए भी मूक-बधिर लोगो की सांकेतिक भाषा जानती है. इसीलिए यह कभी पुलिस तो कभी न्यायालय में  जरूरतमंदों की मददगार बनती है. फौजिया के माता पिता दोनो मूक बधिर है. लिहाजा उनकी सेवा करने और बेहतर संवाद स्थापित करने के लिए उसने भी यह साइन लेंग्वेज सिख ली. फौजिया अभी तक करीब 22 मामलों में आसपास के जिलों में पुलिस की मदद कर चुकी है.

सामाजिक तनाव दूर करना चाहती है फौजिया
फौजिया ने बताया कि वह शुरू से ही सांप्रदायिक दांगों जैसी खबरें सुनते आ रही है. लेकिन वह इंसानियत बिखेरना चाहती है. फौजिया चाहती है कि समाज में मौजूद तनाव खत्म हो और लोगों में आपसी प्यार बढ़े. फौजिया के मुताबिक उसे लोगों की मदद करना पसंद है. यही कारण है कि वह आज तक कई प्राशासनिक मामलों में पुलिस और न्यायालय की मदद कर चुकी है. फौजिया के इस काम में उसके पैरेंट्स भी उसकी पूरी मदद करते हैं.फौजिया के पिता  लोहे के काम की मजदूरी करते हैं और माता गृहिणी हैं. परिवार के आर्थिक हालात बहुत अच्छे नही है. लेकिन फौजिया अपने इस हुनर से आर्थिक न सही, लेकिन जरूरतमंदों की भरपूर मदद करती है.

SP की जनसुनवाई में सुलझाया मामला
अपनी इसी कला के चलते फौजिया ऐसी ही एक समस्या  में फसी  खंडवा की SP रुचि वर्धन मिश्र  की  मददगार बनी. मंगलवार को एसपी की जनसुनवाई में एक मूक-बधिर दंपत्ती पहुंचे. दोनो पति-पत्नी अपने पैरंट से परेशान थे, लेकिन उनकी भावनाएं एसपी को समझ नही आ रही थी. ऐसी स्थिति में फौजिया को बुलाया गया. फौजिया ने उनकी बात समझ कर SP को बताई और समस्या का निराकरण हो गया. एसपी मेडम उसकी इस कला से खूब प्रभवित हुई और उसे ईद के तोहफे के रूप में एक सुंदर ड्रेस दी. 

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