ददन विश्वकर्मा/भोपाल: मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे उपचुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, बीजेपी की राह भी आसान होती जा रही है. दामोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया है. लोधी के इस्तीफे से मध्य प्रदेश की विधानसभा का नंबरगेम एक बार फिर बदल गया है. बीजेपी को बहुमत के लिए उपचुनाव में अब महज 8 सीटों दरकार होगी, तो वहीं कांग्रेस के लिए सभी 28 सीट जीतने की चुनौती अब भी है. 


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कांग्रेस नेता राहुल लोधी रविवार को विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा से मिले और उन्हें अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया था. जिसे प्रोटेम स्पीकर ने तुरंत स्वीकार कर लिया. इसके कुछ देर बाद राहुल लोधी को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने पार्टी की सदस्यता ले ली. कांग्रेस छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने पर राहुल लोधी ने कहा, 'कमलनाथ की अगुवाई वाली सरकार में घुटन महसूस कर रहा था. क्षेत्र का विकास ठप रहा. 15 महीने बनाम शिवराज सरकार के छह माह के कार्यकाल के आकलन के बाद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया है.' हालांकि इससे चंद दिन पहले ही राहुल लोधी ने बीजेपी की शिवराज सरकार को लूट-खसोट वाली सरकार बताया था और मंच से जमकर निशाना साधा था. राहुल लोधी बीजेपी के कद्दावर नेता जयंत मलैया को हराकर विधानसभा पहुंचे थे.


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10 को पता चलेगा किसकी बनेगी सरकार?
मध्य प्रदेश में मार्च से लेकर अब तक कुल 26 कांग्रेसी विधायक इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इसके अलावा तीन सीटें विधायकों के निधन के चलते खाली हुई हैं. मध्य प्रदेश में 29 विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं, जिनमें से 28 सीटों पर विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. उपचुनाव की वोटिंग 3 नवंबर को है और परिणाम 10 नवंबर को आएंगे. 


अब क्या है नंबरगेम
मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं. इस हिसाब से बहुमत के लिए 116 का आंकड़ा चाहिए. 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने के बाद विधानसभा में सीटों की स्थिति 229 रहेगी. इस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा विधानसभा में अब 115 हो गया है. दामोह विधायक राहुल लोधी के इस्तीफे के पहले तक कांग्रेस के पास 88 सीटें थीं, लेकिन अब यह संख्या 87 हो गई है. वहीं, बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. बसपा के दो, सपा के एक और निर्दलीय विधायकों की संख्या चार है.


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कैसे आसान हो गई बीजेपी की राह?
पहले 28 सीटें खाली थीं तो बीजेपी को बहुमत के लिए 9 सीटें चाहिए थीं. लेकिन अब एक और सीट खाली होने पर सीटों की संख्या कम होकर 8 हो गई है. फिलहाल बीजेपी के पास 107 विधायक हैं और बहुमत का आंकड़ा चूंकि 115 हो गया है तो उसे सरकार में कायम रहने के लिए सिर्फ 8 सीटों की दरकार है. जबकि एक और सीट खाली होने के बाद कमलनाथ की मुश्किल कम नहीं हो रही है. कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए सभी 28 सीटें जीतनी जरूरी हैं. जबकि 5 अन्य विधायकों की भूमिका उप चुनाव बाद स्पष्ट होगी.


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