MP के किसानों पर मंडरा रहे संकट के बादल, सूख सकती है खरीफ की फसल
हर साल जुलाई और अगस्त के महीने में सबसे अधिक बारिश होती है. वहीं इस बार जुलाई बीतने को है लेकिन सामान्य से कम बारिश हुई है. जिसका खामियाजा मध्य प्रदेश के किसानों को भुगतना पड़ रहा है. किसानों की खरीफ की फसल बरबाद होने की कगार पर हैं.
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भोपाल: मध्य में कोरोना के साथ-साथ मौसम ने भी चिंता बढ़ा दी है. प्रदेश के 13 जिलों में संकट के बादल मंडरा रहे हैं. जहां हर साल जुलाई और अगस्त के महीने में सबसे अधिक बारिश होती है. वहीं इस बार जुलाई बीतने को है लेकिन सामान्य से कम बारिश हुई है. जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. किसानों की खरीफ की फसल बरबाद होने की कगार पर हैं. जिसने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.
आपको बता दें कि प्रदेश के 13 जिलों बालाघाट, छतरपुर, दमोह, जबलपुर, कटनी, सागर, टीकमगढ़, अलीराजपुर, भिंड, ग्वालियर, मंदसौर, श्योपुर, शिवपुरी में सामान्य से कम बारिश होने के कारण संकट बना हुआ है.
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बताया जा रहा है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में कोई प्रभावी सिस्टम नहीं होने के कारण वर्तमान में अच्छी बरसात की उम्मीद कम बनी हुई है.
मौसम विभाग ने 24 जुलाई के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक ऊपरी हवा का चक्रवात बनने की संभावना जताई है. यदि चक्रवात कम दबाव के क्षेत्र में सक्रिय होकर आगे बढ़ता है तो प्रदेश में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है
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