MP BJP President: मध्य प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष चुने जाने के बाद अब राजनीतिक गलियारों में एक नई चर्चा शुरू हो गई है, बताया जा रहा है कि क्या अब मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का भी विस्तार होगा.
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Mohan Cabinet Expansion: हेमंत खंडेलवाल को मध्य प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष चुने जाने के बाद लंबे समय से चल रही अटकलों का बाजार बंद हो गया. लेकिन एक तरफ बीजेपी ने अपने अध्यक्ष पद का चयन निर्विरोध किया तो दूसरी तरफ नई अटकलों का बाजार फिर से गर्म हो गया है. दरअसल, सियासी हलकों में चर्चा शुरू हो गई है कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद अब मध्य प्रदेश में मोहन मंत्रिमंडल विस्तार भी सकता है, हालांकि यह केवल राजनीतिक हलकों की कयासबाजी है, लेकिन इस बात के आसार भी नजर आते हैं, क्योंकि फिलहाल मोहन कैबिनेट में कुछ मंत्रियों की जगह खाली है, जबकि बीजेपी ने कई सीनियर विधायक भी इस बार मंत्री नहीं बन पाए थे.
क्यों मिले मोहन मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत ?
दरअसल, राजनीतिक गलियारों में कोई भी चर्चा ऐसे ही नहीं चलती है, इन कयासों के पीछे एक दो नहीं बल्कि कई वजहें बताई जा रही हैं. बीते कुछ दिनों में पार्टी के कुछ सीनियर नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आई थी, जबकि कई मामलों में समन्वय कम होने की बात भी सामने आई थी. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सीनियर नेताओं की नाराजगी के बाद संगठन में इन नेताओं को मानने की बात कही गई थी, जबकि यह भी चर्चा हुई थी कि बीजेपी अध्यक्ष के चयन के बाद मध्य प्रदेश में मोहन कैबिनेट का विस्तार भी होगा, जिसमें कुछ सीनियर विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है.
मोहन मंत्रिमंडल चार मंत्रियों की जगह है खाली
फिलहाल मध्य प्रदेश में मोहन मंत्रिमंडल में चार मंत्रियों की जगह खाली है, मध्य प्रदेश में सीएम को मिलाकर अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन फिलहाल सीएम मोहन यादव समेत उनके मंत्रिमंडल में 31 मंत्री है. बीच में रामनिवास रावत को मंत्री बनाया गया था, लेकिन उपचुनाव हारने की वजह से उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था, जिससे फिलहाल चार जगह खाली हैं. मोहन कैबिनेट में 20 कैबिनेट मंत्री, 6 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 4 चार राज्यमंत्री हैं. ऐसे में सियासत के जानकार यह मान रहे हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार भी अब आने वाले समय में मध्य प्रदेश में हो सकता है.
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एमपी में कई सीनियर विधायक रेस में
दरअसल, मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस बार ज्यादातर नए विधायकों को मंत्री बनाया गया था, जिसके बाद कई विधायकों की नाराजगी की बातें भी सामने आई थी. लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पार्टी कुछ सीनियर नेताओं को मंत्री बनाकर समन्वय बना सकती है. यही वजह सीनियर नेता भोपाल से दिल्ली तक सियासी तिकड़मों में लगे हैं. गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, जयंत मलैया, अजय विश्वोई, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, ओमप्रकाश धुर्वे समेत कई ऐसे विधायक हैं जो पहले की सरकारों में सीनियर मंत्री रहे हैं, लेकिन इस बार उन्हें मौका नहीं मिला है. ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट भी तेज हो सकती है.
निगम मंडलों में भी होनी हैं नियुक्तियां
खास बात यह है कि मध्य प्रदेश में निगम मंडलों में भी नियुक्तियां होनी हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष के चयन के बाद अब सत्ता और संगठन में जल्द ही कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं. जिसमें निगम मंडलों में होने वाली नियुक्तियां भी अहम होगी. हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर निगम मंडलों में नियुक्तियों की हलचल फिलहाल सियासी गलियारों में चल रही है इस पर आधिकारिक तौर से जानकारी नहीं आई है. (सोर्स ईटीवी भारत).
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