MP में इस जिले से शुरू हो रहा कांग्रेस का पायलट प्रोजेक्ट, 20 दिनों तक 100 दिग्गज संभालेंगे कमान
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MP में इस जिले से शुरू हो रहा कांग्रेस का पायलट प्रोजेक्ट, 20 दिनों तक 100 दिग्गज संभालेंगे कमान

MP News: मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बना ली है, इसके लिए बीजेपी के मजबूत गढ़ को चुना गया है, जहां से कांग्रेस के पीसीसी चीफ जीतू पटवारी समेत सभी नेता इस बड़े अभियान की शुरुआत करेंगे. 

मध्य प्रदेश में कांग्रेस शुरू करेगी पायलट प्रोजेक्ट
मध्य प्रदेश में कांग्रेस शुरू करेगी पायलट प्रोजेक्ट

MP Congress: मध्य प्रदेश में कांग्रेस लंबे समय से सत्ता का वनवास झेल रही है, पिछले चुनाव में भी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद एमपी में कांग्रेस ने बड़े बदलाव करते हुए एक तरह से पूरा नेतृत्व ही बदल दिया था, कांग्रेस आलाकमान ने देशभर में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है. क्योंकि कांग्रेस का मानना है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस का मजबूत केडर है, लेकिन यहां मेहनत करने की जरुरत है. ऐसे में मध्य प्रदेश में कांग्रेस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत करने जा रही है, जो बीजेपी के सबसे मजबूत गढ़ माने वाले जिले से शुरू होगा. बताया जा रहा है कि एमपी कांग्रेस के 100 नेता अगले 20 दिनों तक यहां प्रचार करेंगे. 

विदिशा जिले से होगी शुरुआत 

मध्य प्रदेश में कांग्रेस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत बीजेपी के मजबूत गढ़ कहे जाने वाले विदिशा जिले से करने जा रही है. 2023 के विधानसभा चुनाव में भी विदिशा में कांग्रेस को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, ऐसे में पार्टी यही से मजबूती की शुरुआत करने जा रही है. जहां अगले 20 दिनों तक कांग्रेस के सीनियर नेताओं समेत 100 नेता विदिशा जिले की सभी ग्राम पंचायतों और वार्डों में अभियान चलाएंगे और लोगों तक मैसेज पहुंचाएंगे. खुद पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी इस अभियान की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. कांग्रेस के 100 एक्सपर्ट्स पायलट प्रोजेक्ट के तहत ग्राउंड जीरों पर काम करेंगे और कमजोरियों को दूर करने पर फोकस किया जाएगा. 

बताया जा रहा है कि 100 एक्सपर्ट्स को विदिशा जिले में काम करने के लिए कहा गया है, जिसमें संगम नेतृत्व टीम और ट्रेनिंग डिपार्टमेंट को भी साथ लिया जाएगा. खास बात यह है कि बूथ समितियों में काम करने वाले कुछ सक्रिय कार्यकर्ता भी इस टीम में शामिल हैं जो विदिशा जिले से पूरी तरह वाकिफ हैं और मजबूती से काम कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि इनका काम मजबूती और कमजोरियों पर रहेगा, पार्टी जहां कमजोर है उसका फीडबैक ऊपर तक पहुंचाया जाएगा, जबकि मजबूती की जानकारी भी आलाकमान को सौंपी जाएगी. 

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जातिगत समीकरण पर फोकस 

कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस जातिगत समीकरण पर बताया जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत जातीय और स्थानीय समीकरणों को टटोलेंने का काम सबसे तेजी से किया जाएगा. इसमें यह देखा जाएगा कि जिस जाति-वर्ग की गांव-वार्ड में बहुलता है, कांग्रेस के स्थानीय संगठन में उस समाज वर्ग के लोगों ही सहभागिता है या नहीं है. उसी पर फोकस रहेगा. इसके लिए हर विधानसभा को अलग-अलग बांटा गया है. 

विदिशा जिला ही क्यों चुना 

दरअसल, विदिशा बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है, ऐसे में कांग्रेस यही से बीजेपी को टारगेट करने की प्लानिंग बना रही है. दूसरा यह जिला राजधानी भोपाल से नजदीक हैं, ऐसे में कांग्रेस के सीनियर नेताओं की पहुंच यहां जल्दी होगी, जिससे संगठन का संचालन करने में दिक्कत नहीं होगी. इसके अलावा यहां कांग्रेस की हालत कमजोर है, ऐसे में पार्टी उत्साह भरना चाहती है. लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को यहां बड़ी हार मिली थी, जिससे कांग्रेस यहां फिर से मजबूती से खड़ा होना चाहती है. 

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