नई दिल्लीः टोक्यो में पैरालिंपिक्स गेम चल रहे हैं. इन खेलों में एमपी की बेटी भी देश का प्रतिनिधित्व कर रही है. बता दें कि ग्वालियर के बहोड़ापुर की रहने वाली प्राची यादव पैरालिंपिक्स गेम के कैनोइंग इवेंट में आगामी 2 सितंबर को भारत का प्रतिनिधित्व करेगी. गौरतलब है कि पैरालिंपिक्स गेम के कैनोइंग इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली प्राची यादव देश की पहली महिला खिलाड़ी हैं.


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प्राची यादव जन्म से ही दिव्यांग हैं और उनके दोनों पैर खराब हैं. उल्लेखनीय है कि प्राची यादव पहले स्वीमिंग करती थीं और उन्होंने साल 2007 में 9 साल की उम्र में जूनियर कैटेगरी में गोल्ड मेडल भी जीता था. इसके बाद भी प्राची ने कई पदक जीते. इस बीच प्राची के प्रदर्शन को देखते हुए उनके कोच ने उन्हें कैनोइंग और कायकिंग खेल में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया. 


प्राची की मेहनत का ही नतीजा है कि साल 2019 में उन्होंने नेशनल गेम्स में एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता. इसके बाद प्राची ने 2019 में ही हंगरी में आयोजित हुए पैरालिंपिक्स के क्वालिफाइंग गेम्स में हिस्सा लिया और वहां प्राची आठवें स्थान पर रहीं. 


भास्कर की खबर के अनुसार, प्राची का कहना है कि पहले उनके रिश्तेदार उनके परिजनों को ताने मारते थे और उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. कैंसर के चलते प्राची की मां की 2003 में ही मौत हो गई थी. प्राची के पिता एक सरकारी कर्मचारी हैं. प्राची के कोच मयंक ठाकुर ने उनके लिए एक खास कैनोइंग बोट का निर्माण कराया है. पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर प्राची यादव की तारीफ की थी और उन्हें पैरालिंपिक्स गेम्स के लिए शुभकामनाएं दी थीं.