MP: 'गांव बंद' का आज तीसरा दिन, दुग्धाभिषेक कर विरोध जता रहे किसान
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MP: 'गांव बंद' का आज तीसरा दिन, दुग्धाभिषेक कर विरोध जता रहे किसान

किसानों के 10 दिवसीय देशव्यापी 'किसान आंदोलन' का आज तीसरा दिन है.

मंदसौर में किसानों ने साथी किसान का दुग्धाभिषेक कर जताया विरोध

नई दिल्ली: किसानों के 10 दिवसीय देशव्यापी 'किसान आंदोलन' का आज तीसरा दिन है. अपनी मांगों को लेकर 10 दिवसीय गांव बंद द्वारा विरोध जता रहे किसानों ने अब विरोध का अलग ही तरीका खोज निकाला है. देश भर में किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर विरोध जता रहे हैं. विरोध की इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों ने साथी किसान का दुग्धाविषेक कर अपना विरोध जताया तो वहीं धार में किसानों ने सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ती कर दुग्धाभिषेक कर विरोध जताने का प्रयास किया. बता दें पिछले साल 1 जून से 10 जून चले किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र भी मंदसौर ही था. मंदसौर में वर्ष 2017 में हुए आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले 6 किसान मंदसौर के ही थे. जिसके बाद पूरे प्रदेश में किसान आंदोलन ने हिंसात्मक रूप ले लिया था.

अभी तक नहीं पकड़े गए आरोपी
बता दें किसान आंदोलन में मारा गया 17 वर्षीय अभिषेक भी मंदसौर का ही था. अभिषेक के परिवार का आरोप है कि घटना के एक साल बाद भी उनके बेटे को अभी तक इंसाफ नहीं मिला. अभिषेक के दोषियों के खिलाफ अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाई नहीं की गई. दूसरी ओर इसी आंदोलन में मारे गए घनश्याम के परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि घनश्याम की मौत पुलिस हिरासत में पिटाई के दौरान हुई. घनश्याम के परिवार के मुताबिक उन्हें अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है. परिवार का आरोप है कि मामले को दबाने के लिए प्रशासन ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने नहीं आने दी.

प्रदेश में पुलिस मुस्तैद
बता दें पिछले साल हुए किसान आंदोलन में हुई हिंसा को देखते हुए इस साल प्रशासन ने मंदसौर सहित पूरे प्रदेश में खास इंतजाम किए हैं. प्रशासन ने हिंसा के इनपुट मिलते ही किसान आंदोलन के दौरान हाई अलर्ट जारी कर पुलिस बल को सावधान रहने के निर्देश दिये थे. साथ ही प्रदेश के चिन्हित 35 जिलों को 10 हजार लाठियों के साथ हेलमेट, चेस्टगार्ड और 100 चार पहिया पुलिस वाहन दिए गए हैं. इंदौर, राजगढ़ में 8-8, मुरैना में 7, भोपाल, दतिया में 6-6, शिवपुरी, गुना, सतना में 5-5 गाड़ियां दी गईं हैं.

क्या है किसानों की मांग
देश के किसानों का सारा ऋण एक साथ माफ किया जाए. सभी फसलों पर लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य को बढ़ाया जाए. छोटे किसान या फिर किसी अन्य की भूमि पर खेती करने वाले किसानों की आय मासिक तौर पर निर्धारित होनी चाहिए.

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