दोपहर करीब 2.45 बजे केंद्रीय गृह मंत्री वेटरिनरी ग्राउंड में निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करने वाली योजना, उज्जवला योजना के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.
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आकाश द्विवेदी/भोपालः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज जबलपुर का दौरा करेंगे. माना जा रहा है कि अमित शाह के दौरे से भाजपा प्रदेश के आदिवासियों को लुभाने का प्रयास करेगी. ऐसा हो सकता है कि अमित शाह अपने दौरे के दौरान आदिवासियों के लिए कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं. अमित शाह के दौरे को देखते हुए भाजपा ने बड़े पैमाने पर इसकी तैयारी की है. सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं.
ये रहेगा कार्यक्रम
कार्यक्रम के तहत गृह मंत्री अमित शाह बीएसएफ के विमान से सुबह 11.30 बजे नई दिल्ली से जबलपुर पहुंचेंगे. इसके बाद वह जनजातीय नायक अमर शहीद राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस के मौके पर उनकी प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. इसके बाद दोपहर 12.10 बजे आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत जनजातीय नायकों की याद में गैरीसन ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे.
दोपहर करीब 2.45 बजे केंद्रीय गृह मंत्री वेटरिनरी ग्राउंड में निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करने वाली योजना, उज्जवला योजना के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इसके बाद शाम 4.30 बजे अमित शाह शहीद स्मारक प्रांगण गोल बाजार में बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होंगे. शाम 6.10 बजे शास्त्री ब्रिज के पास नरसिंह मंदिर और तिलवाराघाट स्थित दयोदय तीर्थ जाएंगे. इसके बाद शाम 7.30 बजे के करीब वह दिल्ली के लिए निकल जाएंगे.
जानिए क्यों है अमित शाह का दौरा अहम?
2023 विधानसभा चुनाव के लिए अमित शाह का यह जबलपुर दौरा अहम माना जा रहा है. दरअसल जबलपुर महाकौशल इलाके में आता है. यहां विधानसभा की 38 सीटें हैं, जिन पर आदिवासियों का गहरा प्रभाव है. यही वजह है कि अमित शाह के इस दौरे में पार्टी का फोकस आदिवासियों पर रहेगा.
माना जा रहा है कि अमित शाह के दौरे से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होगा और वह प्रदेश के आदिवासी तबके में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए और ज्यादा कोशिश करेंगे. बता दें कि प्रदेश में कुल 82 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं. इनमें से भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 34 सीटें जीती थी, जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले उसे 25 सीटों का नुकसान हुआ था. वहीं आदिवासियों का गढ़ माने जाने वाली विधानसभा सीटों पर भी भाजपा को 2018 के विधानसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा था. यही वजह है कि भाजपा अब फिर से आदिवासी इलाकों में अपनी पैठ बनाने की कोशिशों में जुटी है और अमित शाह के दौरे से पार्टी की इन कोशिशों को पंख लगने की उम्मीद जताई जा रही है.