अजय दूबे/जबलपुरः कर्नाटक विधानसभा चुनाव (karnataka election 2023) के लिए कांग्रेस की तरफ से बीते मंगलवार को घोषणा पत्र (manifesto) जारी किया गया, जिसमें विश्व हिंदू परिषद (VHP) की युवा ईकाई बजरंग दल (bajrang dal) पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है. इसको लेकर कांग्रेस और भाजपा में सियासत गरमा गई है. यही नहीं बजरंग दल को बैन करने की मांग मध्य प्रदेश भी पहुंच गई है. बता दें कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जबलपुर में रैली निकालकर कांग्रेस कार्यालय पहुंचे. जहां कांग्रेस पत्थरबाजी और जमकर तोड़फोड़ की है.


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बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने की तोड़फोड़
आपको बता दें कि कांग्रेस द्वारा कर्नाटक में सरकार बनने के बाद बजरंग दल को बैन करने की बात कही गई है. जिसको लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ता नाराज हैं. बजरंग दल के कार्यकर्ता आज जबलपुर में रैली निकालकर कांग्रेस कार्यालय पहुंचे. कार्यकर्त्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय पर पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की की. प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस कार्यालय के साथ-साथ निजी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया है. 


जानिए क्या बोले बजरंग दल के कार्यकर्ता
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनवा में कांग्रेस द्वारा घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे के बाद देश भर में विरोध इसका विरोध शुरू हो गया है. बजरंग दल के कार्यकर्तााओं का कहना है कि जिस तरह से कांग्रेस द्वारा उन्हें कर्नाटक में आतंकी संगठन से जोड़ा गया है, वह सही नहीं है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस प्रदर्शन के बाद भी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. मिली जानकारी के अनुसार कार्यकर्याओं ने यह तोड़फोड़ कांग्रेस कार्यालय में नहीं बल्कि पत्रकार भवन में की है. 


आपको बता दें कि काग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घेरा और उसे बजरंगबली को कैद करने का आरोप लगाया है. इस पूरे मामले पर बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक नीरज दोनेरिया का कहना है कि  कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र जारी किया, उसमें बजरंग दल और पीएफआई को एक साथ दिखाया गया है. जो कि बेहद शर्मनाक है. वहीं बजरंग दल के अन्य कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुस्लिम वोट पाने के लिए हम पर प्रतिबंध लगा रहे हैं. 


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