एयरोपोनिक तकनीक से आलू उत्पादन में बिना मिट्टी, बिना जमीन के आलू पैदा हो रहे हैं. इसमें एक पौधा 40 से 60 छोटे आलू तक दे रहा है, जिन्हें खेत में बीज के तौर पर रोपित किया जा रहा है.
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नई दिल्ली: हम आप जानते हैं कि आलू की खेती जमीन के अंदर की जाती है. कई लोगों ने खुद भी आलू उगाया होगा. लेकिन अब आलू की खेती में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है एरोपॉनिक तकनीक. जिसकी मदद से आलू जमीन में नहीं बल्कि हवा में उगाए जाते हैं. इससे होने वाली आलू की फसल 5 गुना मुनाफा देती है. साथ ही आलू के सड़ने और खोदते समय होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकता है. Potato Farming की इस तकनीक में मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है.
कम होती जाती खेती की जमीन को देखते लोग इसे भविष्य की खेती भी कह रहे हैं. इस तकनीक का फायदा यह है कि इससे जमीन और हवा दोनों में आलू उगाया जा सकता है. एरोपॉनिक तकनीक से आलू उगाने की का प्रयोग हरियाणा के करनाल जिले में स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र में की गयी है. वहां के विशेषज्ञों के मुताबिक बिना जमीन और मिट्टी के ही खेती करके आलू की पैदावार 10 गुणा तक बढ़ाया जा सकता है. इस तकनीक का इस्तेमाल व्यापक तौर शुरू हो सकता है. केंद्र सरकार ने इस तकनीक के इस्तेमाल से खेती करने की मंजूरी दे दी है.
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो एरोपॉनिक तकनीक से आलू की खेती करने के लिए इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर और आलू प्रोद्योगिकी केंद्र करनाल के बीच एक एमओयू भी हुआ है. यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें आलू के पौधों की जड़ें हवा में लटकती हैं. इसी से पौधे को पोषण मिलता है. लटकती जड़ों में पोषण दिये जाते हैं. इस कारण इसे मिट्टी और जमीन की जरूरत नहीं होती है. यही कारण है कि इस तकनीक से आलू की उत्पादन क्षमता 3-4 गुणा तक बढ़ जाती है.
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आलू उत्पादन करने किसानों के लिए यह बेहद फायदेमंद हो सकती है. वो इसलिए भी क्योंकि इस तकनीक में कम लागत में तीन से चार गुणा अधिक उत्पादन होता है. साथ ही यह किसानों के लिए बेहद फायदेमंद भी हो सकती है. क्योंकि इसके जरिये आलू लगाने से किसानों की लागत कम आती है और बंपर पैदावार होती है. सबसे बड़ा पॉइंट ये कि इस तकनीक से आलू की खेती करने के लिए जमीन की जरूरत नहीं होती है. इसके चलते किसानों को आमदनी अधिक होती है.
एयरोपोनिक तकनीक से आलू उत्पादन में बिना मिट्टी, बिना जमीन के आलू पैदा हो रहे हैं. इसमें एक पौधा 40 से 60 छोटे आलू तक दे रहा है, जिन्हें खेत में बीज के तौर पर रोपित किया जा रहा है.
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