Seat Analysis: भोपाल जिले की हुजूर विधानसभ सीट प्रदेश की उन चुनिंदा सीटों में से एक है, जो परिसीमन के बाद अस्तित्व में आईं. इस सीट पर 15 सालों से भाजपा की ही कब्जा है. भाजपा के नेता रामेश्वर शर्मा इस सीट से लगातार 2 विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. इससे पहले 2008 में भाजपा के ही जीतेंद्र दग्गा चुनाव जीते थे. 2023 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा एक बार फिर से रामेश्वर शर्मा को ही चुनावी मैदान में उतार सकती है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस इस सीट पर कोई दमदार प्रत्याशी को लड़ा सकती है.


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हुजूर विधानसभा सीट पर आखिरी बार 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा के रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस के नरेश ज्ञानचंदानी को 15,725 वोटों से हराया था. शर्मा को 107,288 वोट मिले थे, जबकि ज्ञानचंदानी को 91,563 वोट मिले थे. 2018 में हुजूर में कुल 51 प्रतिशत वोट पड़े थे. हुजूर विधानसभा सीट भोपाल लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है. यहां से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सासंद हैं, जिन्होंने 2109 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को 364822 वोटों से हराया था.  


वोटर्स के आंकड़े और जातिगत समीकरण
हुजूर विधानसभा क्षेत्र में सामान्य व ओबीसी के मिलाकर करीब 73 प्रतिशत वोट हैं. इसके अलावा सिंधी समाज करीब 14 और मीना समाज साढ़े 13 प्रतिशत वोटों के साथ काफी असर रखता है. साथ ही एससी-एसटी वोट 20 और मुस्लिम वोट करीब 7 फीसदी के साथ निर्णायक स्थिती में हैं. इस विधानसभा सीट पर वोटर्स की संख्या करीब 2.96 लाख से ज्यादा है. इसमें 1.55 लाख पुरुष और 1.40 से ज्याद महिलाएं हैं. 


चर्चा में रहते हैं विधायक 
हुजूर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा अपने बयानों से सुर्खियों में रहते हैं, वह हिंदुत्व पर खुलकर बयान देते हैं, जबकि कमलनाथ सरकार गिरने के बाद बनी शिवराज सरकार के दौरान रामेश्वर शर्मा को विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था. इस दौरान प्रदेश में कई विधायकों ने इस्तीफें दिए थे, जबकि उपचुनाव में जीते विधायकों को शपथ दिलाने का काम भी रामेश्वर शर्मा ने किया था. रामेश्वर शर्मा के नाम प्रदेश में सबसे लंबे समय तक प्रोटेम स्पीकर रहने का रिकॉर्ड भी है. फिलहाल इस बार भी वह हुजूर विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.