कर्ज में डूबे भोपाल नगर निगम की तोप से सलामी, नेताओं के स्वागत में खर्च करेगा डेढ़ करोड़!
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कर्ज में डूबे भोपाल नगर निगम की तोप से सलामी, नेताओं के स्वागत में खर्च करेगा डेढ़ करोड़!

भोपाल नगर निगम बिजली बिल नहीं भर पा रहा है, जिसके चलते हाल ही में भोपाल के एक बड़े हिस्से को अंधेरे में रहना पड़ा था.

कर्ज में डूबे भोपाल नगर निगम की तोप से सलामी, नेताओं के स्वागत में खर्च करेगा डेढ़ करोड़!

प्रमोद शर्मा/भोपालः राजधानी भोपाल में नगर निगम शहर की सड़कों का ठीक तरह से मेंटेनेंस नहीं कर पा रहा है.सीवर लाइन की समस्या भी बनी हुई है. भोपाल नगर निगम की आर्थिक हालात खराब है और निगम पर करोड़ों रुपए का कर्ज है लेकिन अब एक ऐसी खबर सामने आई है, जो आपको हैरान कर देगी. बता दें कि भोपाल नगर निगम ने अधिकारियों, नेताओं के स्वागत के लिए बुके और फूल मालाएं देने के लिए ही डेढ़ करोड़ रुपए का टेंडर निकाला है!

गौरतलब है कि भोपाल नगर निगम बिजली बिल नहीं भर पा रहा है, जिसके चलते हाल ही में भोपाल के एक बड़े हिस्से को अंधेरे में रहना पड़ा था. शहर की सड़कों पर चलना मुश्किल है क्योंकि मेंटेनेंस ठीक से नहीं हो पा रहा है. ना ही नई सड़कों का निर्माण हो रहा है. भोपाल नगर निगम पर आरोप है कि उसने अभी तक ठेकेदारों का पेमेंट नहीं किया है. 

इन हालात के बावजूद दूसरी तरफ भोपाल नगर निगम ने अधिकारियों, नेताओं के स्वागत के लिए फूल मालाओं पहनाने का टेंडर ही डेढ़ करोड़ रुपए का निकाला है. इस टेंडर के तहत तमाम तरह के आयोजनों में फूल, मालाएं, बुके, फ्लावर डेकोरेशन का काम सौंपा जाएगा और निगम इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान करेगा. 

सियासी पारा चढ़ा
भोपाल नगर निगम की इस फिजूलखर्ची पर सियासी पारा भी चढ़ गया है. नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह फिजूलखर्ची है. उन्होंने कहा कि एक और नगर निगम कमिश्नर फिजूलखर्ची ना करने की बात कहते हैं, वहीं दूसरी तरफ वह डेढ़ करोड़ रुपए के टेंडर सिर्फ फूल माला पर बर्बाद करने के लिए निकाल रहे हैं. यह गलत है. नेता प्रतिपक्ष ने तत्काल इस टेंडर को निरस्त करने की मांग की. 

नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने भी फूल मालाओं के लिए डेढ़ करोड़ रुपए का टेंडर निकालने पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि अधिकारियों से इसे लेकर लेकर बात की जाएगी कि आखिर इस तरह के टेंडर निकालने की क्या जरूरत पड़ी! भोपाल नगर निगम पर कर्ज है और निगम जनता से टैक्स के रूप में मोटी रकम भी वसूल रहा है लेकिन सुविधाएं देने के मामले में पिछड़ रहा है. बता दें कि भोपाल नगर निगम पर कर्ज है. ऐसे में निगम के नए टेंडर पर विवाद हो रहा है. 

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