Madhya Pradesh News In Hindi: भोपाल के पास फंदा में स्थित एक सरकारी कॉलेज की हालत बहुत दयनीय है. 600 सीटों वाले इस कॉलेज में सिर्फ़ चार छात्रों ने एडमिशन लिया है. कॉलेज की बिल्डिंग इतनी जर्जर है कि छात्रों के लिए सुरक्षित नहीं है. दीवारें टूटी हुई हैं, छत से पानी टपकता है और बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है. इस कॉलेज में छात्रों से ज़्यादा शिक्षकों की संख्या है. यह स्थिति राज्य सरकार की शिक्षा के प्रति उदासीनता को दर्शाती है.


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600 सीटों वाले कॉलेज में सिर्फ 4 छात्रों का एडमिशन
दरअसल, राजधानी भोपाल से महज 14 किलोमीटर दूर फंदा में बने सरकारी कॉलेज की बिल्डिंग देखकर छात्र एडमिशन नहीं ले रहे हैं. कॉलेज का संचालन स्कूल की पुरानी बिल्डिंग में हो रहा है, जो पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. दीवारों में दरारें हैं, छत से पानी टपकता है. दीवारें कभी भी गिर सकती हैं. कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. बता दें कि 600 सीटों वाला कॉलेज महज तीन कमरों की बिल्डिंग में चलाया जा रहा है. इस कॉलेज की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यहां छात्रों से ज्यादा शिक्षक हैं. सत्र 2023-24 में इस कॉलेज में सिर्फ चार छात्रों ने एडमिशन लिया. जबकि इस कॉलेज में शिक्षकों की संख्या 14 है.


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जर्जर भवन, टूटी दीवारें
जी मीडिया की टीम जब फंदा के सरकारी कॉलेज पहुंची तो वहां सभी शिक्षक खाली बैठे थे. शिक्षकों ने खाली बैठने का कारण बताया कि कॉलेज में सिर्फ चार छात्र हैं और वे भी कॉलेज में पढ़ने नहीं आए हैं, अगर छात्र ही नहीं होंगे तो वे किसे पढ़ाएं. एक छात्रा का कहना है कि वह शासकीय कॉलेज फंदा में एडमिशन लेना चाहती है लेकिन वहां की जर्जर बिल्डिंग और शौचालय की सुविधा न होने की वजह से वह कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पा रही है. वहीं शिक्षकों ने यह भी बताया कि शिक्षकों और छात्रों को शौचालय जाने के लिए पेट्रोल पंप पर जाना पड़ता है. जर्जर बिल्डिंग को देखकर छात्र एडमिशन नहीं ले रहे हैं.


 


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किराये पर भवन की मांग
कॉलेज प्राचार्य ने कलेक्टर को पत्र लिखकर किराए का भवन देने की मांग भी की है. पत्र में लिखा है कि वर्तमान में जिस कॉलेज में कॉलेज संचालित हो रहा है, उसकी छत से पानी टपकता है और दीवारें कभी भी टूट सकती हैं. बड़ा हादसा हो सकता है. किराए का भवन उपलब्ध कराया जाए.एबीवीपी ने शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं. एबीपी का कहना है कि राजधानी भोपाल से सटे कॉलेज की हालत खराब है तो मध्य प्रदेश के कॉलेजों की क्या हालत होगी.