प्रमोद शर्मा/भोपाल: जब विधायक अपने लिए हुए ही संकल्प भूल जाएं तो आखिर जनता को कुछ कैसे मालूम चलेगा. जी हां, मध्य प्रदेश के विधायकों ने चार साल पहले लिए अपने संकल्प को भुला दिया है. 18 दिसंबर 2019 को सबने सर्वसम्मति से हर साल अपनी संपत्ति की जानकारी देने का संकल्प लिया था. लेकिन अब हर विधायक इससे बचते नजर आ रहे हैं. एक-दो ही ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने हर साल अपनी संपत्ति की जानकारी दी है. 2019 से 2023 तक महज  15 विधायकों ने ही अपनी संपत्ति की जानकारी दी है। इनमें से भी कई विधायकों ने सिर्फ एक-दो साल की ही जानकारी दी है.  


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विधानसभा को संपत्ति की जानकारी देने वाले विधायकों के नाम
- नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह (2020-21,2021-22, 2022-23)
- शैलेंद्र जैन(2019-20)
- प्रदुम्न सिंह लोधी (2020-21)
- अजय कुमार टंडन (2020)
- गिरीश गौतम (2020-21)
- नागेंद्र सिंह (2019-20)
- संजय यादव (2019-20,2020-21)
- रामलाल रघु जी सहारे (2020-21)
- प्रभु राम चौधरी (2019-20)
- रामपाल सिंह (2020-21)
- लीना संजय जैन (2019-20)
- आरिफ मसूद (2019-20,2021-22)
- शिवराज सिंह चौहान (2019-20)
- ग्यारसी लाल रावत (2019-20)
- चेतन कुमार कश्यप (2019-20)


बता दें कि  2019 से 2023 तक अबतक महज 15 विधायकों ने ही अपनी संपत्ति की जानकारी दी है. इसमें से कई विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक-दो साल की जानकारी दी है. वहीं चौंकानी वाली बात ये भी है कि जिस साल संकल्प लिया गया उस साल 2019-20 में भी सिर्फ 10 विधायकों ने ही अपनी संपत्ति की जानकारी विधानसभा को दी. ऐसा नहीं है कि विधानसभा की ओर से विधायकों को याद न दिलाया गया हो. रिमाइंडर देने के बावजूद भी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. ऐसे में सवाल ये उठता है कि पारदर्शिता की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले विधायक क्यों अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दे रहे हैं?