आकाश द्विवेदी/भोपालः आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया हुआ है. इसी का नतीजा है कि खरगोन के बिस्टान मामले में सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए जिले के एसपी को हटा दिया है. बता दें कि खरगोन के बिस्टान में एक आदिवासी व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. जिसके बाद इस पर खूब हंगामा हुआ था. 


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इस मामले पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा था. अब सीएम ने सख्त कदम उठाते हुए खरगोन के एसपी शैलेंद्र चौहान को हटाने के निर्देश दे दिए हैं. इससे पहले इस मामले में 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया जा चुका है. घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि ठीक सुपरविजन ना होने के चलते एसपी को हटाया गया है. 


वहीं सीएम ने ऐलान किया है कि नीमच घटना में मारे गए कन्हैया लाल के बेटे दुर्गाशंकर के लालन-पालन की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी. साथ ही कन्हैया लाल के दोनों भाईयों के मकान भी सरकार बनवाएगी. साथ ही 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि भी दी जाएगी. 


क्या है बिस्टान मामला
बता दें कि 24 अगस्त की रात पाल मार्ग में झगड़ी घाट पर कुछ बदमाशों ने ट्रक और मोटरसाइकिल सवारों से लूटपाट की थी. पुलिस ने इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया था. इन 12 लोगों में 35 वर्षीय बिसन पुत्र हाबु भी शामिल था. जेल में बिसन की तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. इलाज के दौरान बिसन की मौत हो गई. पुलिस हिरासत में आरोपित की मौत से स्थानीय लोग भड़क गए और उन्होंने बिस्टान थाने पर पथराव और तोड़-फोड़ कर दी. 


इसी तरह नीमच जिले में एक आदिवासी व्यक्ति को चोरी के शक में गाड़ी के पीछे बांधकर खींचने का मामला सामने आया था. इस घटना में भी पीड़ित कन्हैया लाल की मौत हो गई थी. इन घटनाओं को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस सरकार पर निशाना साध रही है. ऐसे में सरकार ने अपने सख्त रुख से संकेत दिया है कि आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.