CM शिवराज करेंगे ''क्रांति सूर्य गौरव कलश यात्रा'' का शुभारंभ, जानिए क्यों BJP के लिए अहम है यह अभियान
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CM शिवराज करेंगे ''क्रांति सूर्य गौरव कलश यात्रा'' का शुभारंभ, जानिए क्यों BJP के लिए अहम है यह अभियान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज ''क्रांति सूर्य गौरव कलश यात्रा'' का शुभारंभ करने जा रहे हैं.

शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश

भोपालः मध्य प्रदेश में बीजेपी इन दिनों सबसे ज्यादा आदिवासी वर्ग को फोकस कर रही है, आज का दिन भी आदिवासियों को लिहाज से अहम माना जा रहा है क्योंकि सीएम शिवराज आज प्रदेश में टंट्या भील गौरव कलश यात्रा का शुभारंभ करेंगे. यह यात्रा खंडवा जिले में स्थित टंट्या भील की जन्मस्थली बडोद अहीर से शुरू होगी जिसे ''क्रांति सूर्य गौरव कलश यात्रा'' नाम दिया गया है. 

कई जगहों से गुजरेंगी यात्रा 
टंट्या भील की जन्मस्थली से शुरू होने वाली यह यात्रा प्रदेश के हिस्सों में से निकाली जाएगी. शुरूआत में यह यात्रा मालवा और निमाड़ के अलग अलग जनजतीय क्षेत्रों से निकलेगी, सभी कलश यात्राएं 3 दिसंबर को धार में मिलेंगी फिर यात्रा यहां से इंदौर पहुचेंगी,.यात्रा मार्ग पर सभा एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. यह यात्राएं 4 दिसम्बर को पातालपानी आएगी. 

4 दिसंबर को होगा यात्रा का समापन 
एक कलश यात्रा महाकौशल अंचल में जबलपुर से माटी को लेकर भी आएगी, जहां फिरंगियों ने जननायक टंट्या मामा को फांसी दी थी.  4 दिसम्बर को इंदौर के पातालपानी में सीएम यात्रा का करेंगे समापन. बता दें कि टंट्या भील को अंग्रेजों ने सन् 1889 में गिरफ्तार कर लिया और 18 अक्टूबर को उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी. मृत्यु के बाद अंग्रेजों ने उनका शव इंदौर के पास रातापानी रेलवे स्टेशन के पास फेंक दिाय था, जहां स्थानीय लोगों ने उनके सम्मान और स्मृति में एक मंदिर का निर्माण किया था, जहां आज भी टंट्या भील का मंदिर है. 

बीजेपी के लिए अहम मानी जा रही यह यात्रा 
बता दें कि टंट्या भील के नाम इंदौर के दो स्थानों का नाम भी रखा गया है, इसके अलाव उनके सम्मान में कई और घोषणाएं भी शिवराज सरकार ने की है, बीजेपी इस वक्त आदिवासी वर्ग को फोकस कर रही है, ऐसे में बीजेपी के लिए यह  ''क्रांति सूर्य गौरव कलश यात्रा'' अहम मानी जा रही है. क्योंकि यह यात्रा खास तौर उन क्षेत्रों से निकलने वाली है, 2018 के विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा था.  जिससे माना जा रहा है कि बीजेपी इस खास वर्ग को एक बार फिर अपने पाले में लाने में जुटी है. 

इससे पहले राजधानी भोपाल में आयोजित हुए जनजातीय गौरव दिवस में भी आदिवासी वर्ग के लिए कई घोषणाएं आयोजित की गई थी. ऐसे में अब टंट्या भील की जन्मस्थली से शुरू हो रही यह यात्रा भी अहम मानी जा रही है. 

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