Coal Crisis: मध्य प्रदेश में रोजाना कोयले के 23 रैक की जरूरत होती है, जबकि अभी सिर्फ 8-10 रैक ही उपलब्ध हो पा रहे हैं.
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वासु चौरे/भोपालः मध्य प्रदेश में बिजली संकट गहराता जा रहा है. बता दें कि प्रदेश में अब सिर्फ 3 दिन का कोयले का स्टॉक (Coal Crisis) बचा है. हालात को देखते हुए आने वाले कुछ दिन बिजली की समस्या हो सकती है. शासन का कहना है कि आने वाले 8-10 दिन में हालात बेहतर होने का दावा किया जा रहा है.
प्रदेश के चारों थर्मल पावर प्लांट में 2,23,000 टन कोयले का ही स्टॉक बचा है. प्रदेश में रोजाना बिजली उत्पादन के लिए 70 हजार टन कोयले की जरूरत होती है. कोयले की कमी के चलते इन दिनों थर्मल प्लांट्स (Thermal Plants) में रोजाना 15-20 हजार टन कोयला ही रोज इस्तेमाल हो रहा है. इसके चलते थर्मल प्लांट्स में 54 हजार मेगावाट की जगह 22 हजार मेगावाट बिजली का ही उत्पादन हो पा रहा है.
मध्य प्रदेश में रोजाना कोयले के 23 रैक की जरूरत होती है, जबकि अभी सिर्फ 8-10 रैक ही उपलब्ध हो पा रहे हैं. गौरतलब है कि इन दिनों प्रदेश में रबी फसलों की बुआई का समय रहता है, जिसके चलते बिजली की मांग ज्यादा होती है. वहीं त्योहारों का भी सीजन होता है.
क्या है कमी की वजह?
बता दें कि इस समय ना सिर्फ प्रदेश बल्कि पूरे देश में कोयला की कमी का संकट गहराया हुआ है. इसकी वजह की बात करें तो इसका सबसे बड़ा कारण बिजली की खपत में बढ़ोत्तरी और कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद तेजी से बढ़ा औद्योगिक उत्पादन माना जा रहा है. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2019 में देश में कुल बिजली की खपत 106 बिलियन यूनिट थी जो कि अगस्त 2021 में बढ़कर 124 बिलियन यूनिट हो गई है.
इसके अलावा बीते दिनों हुई लगातार बारिश ने भी बिजली के संकट को बढ़ाया है. दरअसल बारिश के चलते कई कोयला खदानों में पानी भर गया. जिसके चलते कोयले का उत्पादन प्रभावित हुआ. साथ ही वैश्विक बाजार में कोयले के दाम में उछाल आया है. जिसके कारण कोयले का आयात भी कम हुआ है. देश की बिजली जरूरत का करीब 70 फीसदी हिस्सा कोयला पावर प्लांट से पूरा होता है. ऐसे में कोयले की कमी से यकीनन देश में बिजली संकट गहरा गया है.