मशहूर फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी (Sabyasachi) ने मंगलसूत्र पर बनाया अपना विवादित विज्ञापन (Mangalsutra Ad) वापस ले लिया.
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भोपाल: मशहूर फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी (Sabyasachi) ने मंगलसूत्र पर बनाया अपना विवादित विज्ञापन (Mangalsutra Ad) वापस ले लिया. विज्ञापन को लेकर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने सब्यसाची को चेतावनी देते हुए कहा था कि विज्ञापन अगले 24 घंटे में नहीं हटाया तो उनपर FIR दर्ज की जाएगी. मिश्रा के साथ हिंदूवादी संगठनों ने भी इसे लेकर कड़ा रूख अपनाया था. अब सब्यसाची ने अपने इंस्टाग्राम (Instagram) अकाउंट पर जानकारी देते हुए बताया कि इसे हटाया जा रहा है.
क्या कहा था गृहमंत्री ने
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि डिजाइनर मुखर्जी का मंगलसूत्र वाला विज्ञापन बेहद आपत्तिजनक है. गहनों की बात करें तो मंगलसूत्र का धार्मिक दृष्टि से सबसे ज्यादा महत्व होता है. हम मानते हैं कि मंगलसूत्र का पीला हिस्सा मां पार्वती हैं और काले हिस्से में भगवान शिव होते हैं. शिवजी की कृपा से महिला और उसके पति की रक्षा होती है. मां पार्वती की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है. ऐसे में इस तरह के विज्ञापन धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि हिम्मत है, तो दूसरे धर्म पर इस तरह के विज्ञापन बनाकर दिखाएं.
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क्या कहा सब्यसाची ने
नरोत्तम मिश्रा और हिंदूवादी संगठनों के विरोध के बाद सब्यसाची ने विज्ञापन वापस ले लिया है. उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी पोस्ट की, जिसमें लिखा कि हम इस बात से दुखी हैं कि समाज के एक वर्ग को इस विज्ञापन से ठेस पहुंची है, इसलिए हम इस विज्ञापन को वापस ले रहे हैं.
कहां से शुरू हुआ विवाद
सब्यसाची ने चार दिन पहले एक ज्वेलरी कलेक्शन लॉन्च किया. इस कलेक्शन का नाम 'द रॉयल बंगाल टाइगर आइकन' है. इसमें से मंगलसूत्र के विज्ञापन पर हंगामा शुरू हुआ. इस मंगलसूत्र को कंपनी ने 'द रॉयल बंगाल मंगलसूत्र 1.2' नाम दिया. विज्ञापन में एक महिला और पुरुष को साथ में असभ्य कपड़ों में मंगलसूत्र पहने दिखाया है. पहले तो सोशल मीडिया पर इसे काफी विरोध का सामना करना पड़ा. ऐड में दिखाई दीं महिला मॉडल का नाम वर्षिता तटावर्ती बताया जा रहा है और पुरुष मॉडल का नाम प्रतेयिक जैन है.
हिंदू रीति-रिवाज पर हमला
सोशल मीडिया के बाद इस विवादित विज्ञापन को लेकर हिंदू संगठनों ने भी विरोध शुरू कर दिया था. उनका कहना है कि कोई हिंदू त्योहार आते ही क्रिएटिविटी क्यों दिखने लगता है. संगठनों का कहना है कि ये विज्ञापन हिंदू रीति-रिवाज और भावनाओं पर हमला है. हिंदू शादी जैसे पवित्र रिश्ते को ये कंपनियां बदनाम कर रही हैं.
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