बड़वानी जिले के सेंधवा के जंगलों में पुरातत्वविदों को रहस्यमयी चीजें मिली थीं, जिसके डायनासोर के अंडे होने की संभावना जताई जा रही थी. अब इसकी पुष्टि हो चुकी है.
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वीरेंद्र/बड़वानी: सेंधवा वन मंडल अंतर्गत वरला रेंज में डायनासोर के अंडे मिलने की पुष्टि हुई है. दो साल पहाड़ी क्षेत्र में पौधारोपण के दौरान और अतिक्रमण कार्य को रोकने के लिए जमीन खोदी दी गई थी और उसमें से कुछ ठोस मटेरियल निकाला था. जिसे डायनासोर के अंडे होने की संभावना जताई जा रही थी.
दो साल पहले मिला था अंडा
दो साल पहले इस इलाके में वनरक्षक बद्रीलाल तरौले की पोस्टिंग हुई थी. सबसे पहले उन्होंने इसे देखा था. उनका दावा है कि उनके द्वारा जब ये मटेरियल देखा गया तो देखते ही अहसास हो गया था कि ये डायनासोर के जीवाश्म हो सकते हैं. इसके बाद उन्होंने अपने आला अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी.
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हुई अंदेशे की पुष्टि
वनरक्षक बद्रीलाल तरौले ने बताया कि उन्होंने पहले ही दूसरे स्थानों पर डायनासोर के जीवाश्म देखे थे. इसी हिसाब से अपने स्तर पर पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही उन्होंने अधिकारियों को सूचना दी थी. तभी इन्हें जांच के लिए भेजा गया था. अब कहीं जाकर इसकी रिपोर्ट आई है, जिसमें उनकी अंदेशे की पुष्टी हो गई है.
जांच में सामने आएंगे और राज
एसडीओ संदीप वास्कले ने बताया के डायनासोर के जीवाश्म अंडे होने की पुष्टि हो चुकी है. ये लगभग 5 से 6 करोड़ वर्ष पूर्व के बताए जा रहे हैं. पुरातत्व विभाग के अनुसार, यहां पर और भी अंडे होने की संभावना है. इसलिए हमने संबंधित स्टाफ को निर्देश दिया है कि उक्त क्षेत्र को संरक्षित करें.
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करोड़ों साल पुराना होने का दावा
इंदौर जोन के पुरातत्वविद डॉ डीपी पांडे के अनुसार 1 वर्ष पहले सेंधवा वन विभाग के डीएफओ ने जांच के लिए सैंपल भेजा था, जो वाकई में डायनासोर का अंडा ही है. ये करोड़ों वर्ष पुराना है.
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