कोरोना जांच के नाम पर बड़े फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा! कहीं आप भी तो नहीं हुए शिकार?
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कोरोना जांच के नाम पर बड़े फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा! कहीं आप भी तो नहीं हुए शिकार?

जबलपुर में कई निजी पैथोलॉजी लैब द्वारा फर्जी तरीके से कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की जा रही थी.

फाइल फोटो

जबलपुरः मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में कोरोना की जांच को लेकर चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. दरअसल कुछ निजी लैब संचालकों द्वारा कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की झूठी रिपोर्ट दी जा रही थी. इस तरह इन निजी लैब संचालकों द्वारा ना सिर्फ मरीज की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था बल्कि वह कोरोना के खतरे को भी बढ़ा रहे थे. स्वास्थ्य विभाग की जांच में इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. 

कैसे हो रही थी धांधली 
दरअसल जबलपुर में कई निजी पैथोलॉजी लैब द्वारा फर्जी तरीके से कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की जा रही थी. ये लैब बिना टेस्ट किए ही फर्जी तरीके से चंद घंटों में ही आरटीपीसीआर की रिपोर्ट दे रहीं थी. इन पैथोलॉजी लैब द्वारा लोगों की जरूरत अनुसार बढ़ी हुई कीमतों पर महज चंद घंटों में ही RT-PCR की रिपोर्ट दे दी जाती थी. बता दें कि कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच करने के लिए पैथोलॉजी लैब के पास एनएबीएल सर्टिफिकेट होना जरूरी है लेकिन इन लैब द्वारा बिना एनएबीएल सर्टिफिकेट के ही कोरोना की जांच की जा रही थी. 

स्वास्थ्य विभाग की जांच में पता चला कि यह सभी पैथोलॉजी लैब और कलेक्शन सेंटर अनाधिकृत तौर पर संचालित हो रहे थे. जांच के दौरान संदिग्ध पाए गए सभी 62 कलेक्शन सेंटर की एसआरएफ आईडी को ब्लॉक कर दिया गया है. यह अपने आप में पहला मामला है जब पैथोलॉजी लैब की एसआरएफ आईडी को ब्लॉक किया गया है. ये कलेक्शन सेंटर्स मानकों के अनुरूप भी नहीं पाए गए.

मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए जबलपुर स्वास्थ्य सेवाओं के संयुक्त संचालक डॉ संजय मिश्रा ने कहा कि कोरोना जांच की धांधली को संचालित करने के लिए बड़ी-बड़ृी पैथोलॉजी लैब में केप कलेक्शन सेंटर अवैध रूप से संचालित किए जा रहे थे. मामले का खुलासा होने के बाद अवैध रूप से संचालित किए जा रहे पैथोलॉजी लैब और कलेक्शन सेंटर पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. 

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