प्रिया पांडेय/भोपाल:  मध्यप्रदेश के चार प्रमुख शहरों में पर्यावरण के मद्देनजर (Air Pollution)  तंदूर पर लगी रोक को (MP Tandoor Ban) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( Mp Pollution Control Board) ने गलत बताया है. बोर्ड ने कहा है कि ऐसा किसी भी प्रकार का कोई प्रतिबंधात्मक आदेश जारी नहीं किया गया है. बता दें कि इसे लेकर एमपी में राजनीति भी शुरू हो थी. कांग्रेस ने कहा था कि पर्यावरण के निशाने पर सिर्फ तंदूर ही क्यों है? 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि तंदूर से निकलने वाली गर्मागर्म रोटियों को देखकर भला किस के मुंह में पानी नहीं आएगा? लेकिन स्वाद के शौकीनों को झटका तब लगा, जब प्रदेश के 4 महानगरों में तंदूर बैन होने की खबरों ने सुर्खियां बटोंरी. हालांकि अब लोगों के लिए अच्छी खबर ये है कि अब किसी प्रकार को कोई बैन नहीं लगाया गया है. तंदूर से बने व्यंजनों का जयाका आप उठा सकेंगे.


पर्यावरण बोर्ड ने फैसले को बताया गलत
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सूचना जारी करते हुए खह मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तंदूर बैन की खबरों को गलत बताते हुए, एक आदेश भी जारी किया है. इस आदेश में लिखा है कि मध्यप्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं नगरीय निकायों द्वारा किसी भी प्रकार का प्रतिबंधात्मक आदेश जारी नहीं किया गया है. मीडिया में चलाई जा रही खबरें आधारहीन है.


देखिए आदेश की कॉपी...



तंदूर चर्चा में क्यों आया?
बदलते वक्त के साथ-साथ मौसम में काफी बदलाव देखा जा रहा है. वहीं गाड़ियों और होटलों से निकलने वाले धुओं की वजह से वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ता है.  वहीं तंदूर में लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे धुंआ निकलता है और वायु प्रदूषण बढ़ता है. लेकिन इसकी जगह पर इलेक्ट्रिक ओवन या एलपीजी गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं. हालांकि इंदौर की 56 दुकान में इलेक्ट्रिक तंदूर पर पहले से ही व्यजंन बन रहा है.