नौकरी की तलाश कर रहे नौजवानों के लिए खुशखबरी, 2023 चुनाव से पहले सरकार का 2 लाख 73 हजार रोजगार देने का प्लान!!
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नौकरी की तलाश कर रहे नौजवानों के लिए खुशखबरी, 2023 चुनाव से पहले सरकार का 2 लाख 73 हजार रोजगार देने का प्लान!!

रोजगार की आस देख रहे प्रदेश वासियों के लिए बड़ी खबर आ रही है. शिवराज सरकार नौकरी के लिए गांव से शहर की तरफ पलायन को रोकने पर फोकस कर रही है. 2023 के चुनाव से पहले सरकार 2 लाख 73 हजार रोजगार देने का प्लान बना रही है.

नौकरी की तलाश कर रहे नौजवानों के लिए खुशखबरी, 2023 चुनाव से पहले सरकार का 2 लाख 73 हजार रोजगार देने का प्लान!!

प्रमोद शर्मा/भोपाल: रोजगार की आस देख रहे प्रदेश वासियों के लिए बड़ी खबर आ रही है. शिवराज सरकार नौकरी के लिए गांव से शहर की तरफ पलायन को रोकने पर फोकस कर रही है. 2023 के चुनाव से पहले सरकार 2 लाख 73 हजार रोजगार देने का प्लान बना रही है. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में कई उद्योगिक यूनिट लगाने का प्लान है, जिससे हर क्षेत्र में नौकरी उपलब्ध हो सके. एमपी की शिवराज सरकार गांव से रोजगार की तलाश में शहरों की तरफ पलायन को रोकने की कवायद कर रही है.

नौकरी के लिए पलायन पर ब्रेक 
दरअसल गांव से रोजगार की तलाश में शहरों की तरफ पलायन पर ब्रेक लगाने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग गांवो में उद्योगिक यूनिट लगाएगा और उसी इलाके में नौकरी पैदा करेंगे. इस मामले पर MSME मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि इंदौर में फर्नीचर क्लस्टर की पहल पर एमएसएमई सेक्टर में दो लाख 37 हजार लोगों को नए रोजगार से जोड़ा गया है. पिछले दो साल में 48 जिलों में प्रगति तेज हुई है. मंत्री सकलेचा ने कहा कि अगले दो साल में और 2 लाख 73 हजार से ज्यादा रोजगार देने का प्लान बना है. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में यूनिट लगेगी. ताकि गांव के लोगों को गांव में काम मिलेगा. इसके लिए अलग अलग क्लस्टर लगाए जा रहे हैं.

जैविक खेती में बढ़ी रुचि
बता दें रोजगार के लिए प्रदेश में ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम की भी काफी चर्चा है, जिससे घर बैठे बच्चें भी इसका लाभ ले सकेंगे. सभी महाविद्यालयों में आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस तीनों विषयों की पढ़ाई की व्यवस्था भी अनिवार्य रूप से शुरू करने का प्लान है. राज्य में डिजिटल यूनिवर्सिटी, स्किल यूनिवर्सिटी भी खोली जाएंगी. इसके लिए एक टीम आईआईटी केरल के साथ संपर्क करेगी. इसी के साथ प्रदेश में वैकल्पिक और वोकेशनल विषयों को भी शुरू किया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चों ने जैविक खेती जैसे विषयों में रुचि दिखाई है. विश्वविद्यालय स्तर पर शुरू किए गए कृषि पाठ्यक्रमों में बच्चों ने काफी रुचि दिखाई है. 

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