भगवान श्री राम के दूसरे घर ओरछा में कल से शुरू होगी भव्य रामलीला, 140 देशों में होगा प्रसारण
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भगवान श्री राम के दूसरे घर ओरछा में कल से शुरू होगी भव्य रामलीला, 140 देशों में होगा प्रसारण

 बुन्देलखण्ड की अयोध्या कहे जाने वाली भगवान रामराजा सरकार की नगरी ओरछा में कल गणेश पूजन के साथ अंतर्राष्ट्रीय भव्य रामलीला का शुभारंभ होगा.

ओरछा मंदिर

सतेन्द्र सिंह/निवाड़ी: बुन्देलखण्ड की अयोध्या कहे जाने वाली भगवान राम राजा सरकार की नगरी ओरछा में कल गणेश पूजन के साथ अंतर्राष्ट्रीय भव्य रामलीला का शुभारंभ होगा. भव्य रामलीला के लिए संचालक मण्डल जोर-शोर से तैयारियों में जुट गया है. कल 6 अक्टूबर को पहले दिन ओरछा में रामराजा कैसे आए और उनकी क्या स्टोरी है, उसे दिखाया जाएगा. उसके बाद जो रामचरित मानस की चौपाईयों के साथ उसे भी दिखाया जायेगा. रामलीला को लेकर ओरछा के ही नहीं बल्कि बुंदेलखंड के लोगों में खुशी का माहौल है.

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आपको बता दें कि पिछली बार यह रामलीला अयोध्या में की गई थी. जिसको करीब 14 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संचार के विभिन्न माध्यमों से विश्व के कोने-कोने पर देखा गया था. अयोध्या व ओरछा में भगवान राम का वास हैं. इसी वजह से इस साल यह कार्यक्रम ओरछा में किया जा रहा है. इस रामलीला का मंचन भारत के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा किया जाएगा. एजुकेशन ट्रस्ट के प्रमुख बी.पी.टंडन ने बताया कि इस रामलीला का मंचन कल 6 अक्टूबर से प्रारंभ होगा व दशहरे के दिन 15 अक्टूबर को इसका विधिवत समापन होगा. उन्होंने बताया कि इस बार इस रामलीला का प्रसारण ऑनलाइन विश्व के करीब 140 देशों में वर्चुअल के माध्यम से पहुंचाया जाएगा. जिसमें बुन्देलखण्ड का ओरछा का, रामराजा सरकार की महिमा की जानकारी पूरे क्षेत्र सहित विश्व में फैल सके.

आरोछाधीश है श्रीराम
यहां स्थापित मूर्ति के बारे में प्रचलित मान्यता के अनुसार ओरछा की महारानी गणेश कुंवर पुष्य नक्षत्र में इस मर्ति को आयोध्या से नंगे पैर पैदल चलकर ओरछा लायी थी. श्रीराम की प्रतिमा ओरछा लाये जाने के बाद बुन्देलखण्ड में इन्हें ओरछाधीश के रूप में मान्यता दी गई. संभवता ओरछा के रामराजा इस मायने में भी अद्वितीय है कि इन्हे प्रतिदिन पुलिस के जवान बकायदा आज भी दिन के चारों पहर गार्ड ऑफ ऑनर देते हैं.

ऐसे आए भगवान श्री राम
उपलब्ध दस्तावेज बताते हैं कि ओरछा राजवंश के राजा मधुकर शाह कृष्ण भक्त थे और उनकी पत्नी कुंवर गणेश राम भक्त. दोनों में इसको लेकर तर्क-वितर्क जारी रहता था. मधुकर शाह ने रानी को वृंदावन जाने को कहा तो रानी ने अयोध्या जाने की बात कही. इस पर राजा ने व्यंग्य में कहा कि "अगर तुम्हारे राम सच में हैं तो उन्हें अयोध्या से ओरछा लेकर आओ."

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यहां की खास विशेषताएं...
1. विश्व का एक मात्र स्थान जहां सदियों से भगवान राम की पूजा राजा के रूप में की जाती है.
2. विश्व का एक मात्र स्थान जहां भगवान को सरकार की ओर से सशस्त्र सलामी दी जाती है. भगवान को सूर्य उदय के पूर्व से सूर्यास्त के बाद भी सलामी दी जाती है.
3. ईश्वरीय सत्ता का अनूठा उदाहरण जहां भगवान श्रीराम के लिये करोड़ों रूपये की लागत से बना भव्य मंदिर बनाया गया, लेकिन भगवान उस मंदिर में विराजमान न होकर महल में विराजे हैं.
4. एक मात्र स्थान है जहां राम राजा के रूप में राजकाज निपटाने और जनता को दर्शन देने के लिये गर्भगृह से बाहर आते हैं. जबकि हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा की गई मूर्ति को स्थापित स्थान से हटाया नही जाता है.

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