बीहड़ में बदलाव की बयार: बंदूक नहीं साड़ी पहन फुटबॉल में दिखा रहीं कमाल
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बीहड़ में बदलाव की बयार: बंदूक नहीं साड़ी पहन फुटबॉल में दिखा रहीं कमाल

ग्वालियर का चंबल अचंल क्षेत्र जो बंदूक और गोलीबारी से सुर्खियों में बना रहता है, वहां बदलाव की बयार जारी है. यहां की महिलाएं साड़ी पहनकर फुटबाल मैदान में उतर गई. फिल्ड में महिलाओं की कई टीम साड़ी पहनकर फुटबाल खेलती नजर आई.

बीहड़ में बदलाव की बयार: बंदूक नहीं साड़ी पहन फुटबॉल में दिखा रहीं कमाल

ग्वालियरः बीहड़ जो मारपीट और गोली बारी की वजह से हमेशा जाना जाता रहा है. लेकिन अब यहां बदलाव जारी है और यहां कि तस्वीर बदल रही है. चबंल अंचल क्षेत्र की महिलाओं ने कुछ ऐसा कर दिखाया जो हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां की महिलाएं खेल में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं, इतना ही नहीं ये महिलाएं फुटबाल के मैदान में साड़ी पहनकर फुटबॉल खेल रही हैं. 

ग्वालियर चंबल अंचल में अब बदलाव दिखाई दे रहा है. जहां महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर तो चल ही रही थी. वहीं अब खेल के मैदान में भी उतर गई हैं. साड़ी पहनकर फुटबाल खेलने वाली महिलाओं की एक नहीं, दो नहीं बल्कि कई टीमें मैदान में है, जो एक दूसरे को शिकस्त देने की कोशिश में लगी हुई है. जिसे देख सभी ने दांतों तले उंगली दबा ली.

फुटबाल को रोकने में लगाई जी जान
खास बात ये है कि ये महिलाओं की टीमें कोई स्कूल कॉलेज या स्पोर्ट्स खिलाडियों की नहीं है. बल्कि ग्वालियर के गली-मोहल्लें से महिलाएं खेल के मैदान में पहुंची हैं. आज तक आपने शायद ऐसी तस्वीरें नहीं देखी होगी. जब महिलाएं फुटबॉल ग्राउंड में साड़ी पहनकर फुटबॉल को किक मार रही हैं, तो कोई फुटबाल को रोकने के लिए जी जान लगा रही हो. 

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जानिए क्यों साड़ी पहनकर खेली फुटबाल
ये महिलाएं फुटबाल ग्रांउड में ग्वालियर के गली मोहल्लों से निकल कर पहुंची हैं. इन महिलाओं को फुटबॉल के ग्राउंड तक लाने में शहर की समाजसेवी महिलाओं को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी. लेकिन जब इन घरेलू महिलाओं ने गोल दागे तो सभी ने दांतों तले उंगली दबा ली. मैच खेलने वाली महिलाओं का कहना है ये उनके लिए बेहद मुश्किल था. लेकिन उन्होंने फुटबॉल के जरिये ये बताने की कोशिश की है, कि वो किसी से कम नहीं हैं, साथ ही अपनी पारम्परिक ड्रेस में खेलों के मैदान में हैं. इन सबके बीच महिलाएं भी बेहद खुश है कि उन्हें इस तरह से खेलने का अवसर मिला. क्योंकि अमूमन शादीशुदा जिंदगी में वह लोअर टीशर्ट पहनकर फुटबॉल खेलने नहीं उतर सकती हैं. लेकिन वह साड़ी पहनकर फुटबॉल ग्राउंड में उतरी हैं. 

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