madhya pradesh news-मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में महादेवन मंदिर की जमीन अतिक्रमण मामले पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट में दाखिल पीआईएल पर सुनवाई हुई, हाईकोर्ट ने बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल सहित प्रशासनिक अमले से कार्यवाही पर स्पष्टीकरण मांगा है. इसके अलावा कोर्ट ने दोनों पक्षों से शांति व्यवस्था बनाए रखने सहित मंदिर क्षेत्र में अतिक्रमण की स्थिति को यथावत रखने के निर्देश दिए हैं.


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इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अब स्थगन आदेश जारी कर दिया है. न्यायालय ने दो सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश जारी किए है.


क्या है मामला
दरअसल,  मऊगंज जिला स्थित देवरा महादेवन मंदिर के विवाद ने बीते दिनों राजनीतिक रूप ले लिया था. जिसमें हिंदू संगठनों ने पहले तो अतिक्रमण हटाए जाने की मांग की, फिर धरना प्रदर्शन किया. इसके बाद  स्थानीय विधायक प्रदीप पटेल की मौजूदगी में अतिक्रमण को जमीदोंज करने का प्रयास किया गया था.  जिसके बाद प्रशासन ने करीब 50 घंटों तक बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल को नजरबंद करके रखा था. लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासनिक अमले को विधायक के सामने झुकना पड़ा,  विधायक प्रदीप पटेल के लगातार 3 दिनों तक किए गए आंदोलन के कारण अतिक्रमण को खाली कराया गया था. 


हाई कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण
अतिक्रमण हटाने को लेकर आरोप था कि मंदिर की शासकीय जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा किया है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन भी किया. प्रशासन ने विधायक के आंदोलन के सामने घुटने टेकते हुए अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही कर दी. जिसके बाद नरेंद्र बहादुर ने मामले में पीआईएल जबलपुर हाईकोर्ट में दायर की थी. हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने पर स्थगन आदेश जारी कर विधायक सहित तमाम प्रशासनिक बल से स्पष्टीकरण मांगा हैं.


मंदिर की जमीन पर कब्जा
बताया जा रहा है कि पूर्व में भी शासन ने महादेवन मंदिर में किए गए अतिक्रमण को खाली कराने का आदेश जारी किया था. मामले पर हाई कोर्ट से ही कब्जा किए गए लोगों ने स्थगन आदेश ले लिया गया.  इसके बावजूद प्रशासन ने कोर्ट के स्थगन आदेश की परवाह किए बिना ही जमीन को खाली कराने की कोशिश की.  सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फिर से स्टे ऑर्डर जारी किया है.


अफवाहों से बचे
वहीं इस मामले पर कलेक्टर मऊगंज एसपी का कहना है कि देवरा मंदिर वाले मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश जारी किया है. और 2 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है. माननीय न्यायालय ने तब तक के लिए यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए है. उस स्थल पर अभी भी धारा 144 लागू है. अफवाहों में न पड़े न ही अफवाह फैलाए.