प्रमोद शर्मा/भोपाल: उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (Higher Education Minister Mohan Yadav) का बड़ा बयान आया है. उन्होंने पीएचडी करने को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पीएचडी कैसे होती है ये सब जानते हैं ? उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने मंच से अपने ही विभाग के PHD कोर्स पर सवाल उठाए हैं. मंत्री मोहन यादव ने कहा कि सच ये है कि PHD वाले कहीं से भी किसी का भी रिसर्च पेपर कॉपी करके जमा कर देते हैं. इसके बाद नेताओं पर आरोप लगते हैं कि कॉपी करके पीएचडी करते हैं. 


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कई बार लगते हैं आरोप
मंत्री मोहन यादव बोले कि ये दुर्भाग्य पर यथार्थ की स्थिति है. कई वाइस चांसलर पर भी इसी तरह के आरोप लगते रहे हैं. इसलिए मैंने अपने पसंद के सब्जेक्ट में PHD की.  मोहन यादव प्रशानिक अकादमी में आयोजित पीएचडी 2022 संगोष्ठी कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. जहां उन्होंने बड़ा बयान दिया. साथ ही ये भी कहा कि जरूरी है कि शासन की योजनाओं पर भी पीएचडी हो. 


रामायण और भगवद गीता पर भी दिया था बयान
हाल ही में वो अपने एक और बयान के चलते चर्चा में थे. मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव  ने पूछा था कि  रामायण और भगवद गीता को पाठ्यक्रम में शामिल क्यों ना किया जाए.  उन्होंने तर्क दिया था कि अदालत में भी गीता पर हाथ रखकर सत्य बोलने की शपथ दिलाई जाती है. रामायण और भगवद गीता हमारे राष्ट्रीय धरोहर हैं. इसलिए हमारा फर्ज है कि हिंदू धर्म ग्रंथों के बारे में सभी को पता हो. उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश के कॉलेजों में हिंदू धर्म ग्रंथों जैसे रामायण और गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है. उनका मानना है कि जब हमारी न्याय व्यवस्था में धार्मिक ग्रंथों का एक खास महत्व है तो हमारा फर्ज है कि हम इन पुस्तकों और धार्मिक ग्रंथों के बारे में जानें. इसीलिए पाठ्यक्रमों में भगवद गीता समेत रामायण को भी शामिल किया जाएगा.


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