रेलवे के कर्मचारी ही फैलाते थे ट्विटर पर ट्रेन में बम होने की अफवाह, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
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रेलवे के कर्मचारी ही फैलाते थे ट्विटर पर ट्रेन में बम होने की अफवाह, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों के नाम मिलन रजक निवासी शांताक्रूज मुंबई और प्रमोद माली निवासी वेस्ट शिवाजी नगर बताए जा रहे हैं, जो ट्विटर के जरिए ट्रेन में बम होने की अफवाह फैलाते थे. 

रेलवे के कर्मचारी ही फैलाते थे ट्विटर पर ट्रेन में बम होने की अफवाह, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

इंदौर। पिछले कई दिनों से रेलवे को ट्रेन में बम होने की झूठी खबर ट्विटर पर मिल रही थी, जिसके बाद से ही राज्य रेलवे पुलिस आरपीएफ अलर्ट थी, पुलिस ने दो ऐसे शातिर रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है, जो ट्रेन में फर्जी बम होने की सूचना देते थे. दोनों रेलवे में ही सफाईकर्मी का काम करते थे, जब उनसे ऐसा करने के पीछे की वजह पूछी तो मामले में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है.

इस वजह से फैलाते थे अफवाह 
दरअसल, गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों के नाम मिलन रजक निवासी शांताक्रूज मुंबई और प्रमोद माली निवासी वेस्ट शिवाजी नगर बताए जा रहे हैं, जहां मिलन रजक की उम्र 44 साल है तो वही उसके साथी प्रमोद की उम्र 24 साल है. मुंबई के रहने वाले दोनों आरोपी प्रायवेट कंपनी के ठेके पर बतौर सफाईकर्मी रेलवे में काम करते थे. गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस में दोनों ही कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है और अपने परिजनों के साथ ज्यादा वक्त गुजारने के लिए वो ट्विटर के माध्यम से ट्रेन में बम होने की सूचना देते थे. लेकिन जब संबंधित ट्रेनों की जांच लोकल पुलिस और रेलवे पुलिस द्वारा की जाती थी तो नतीजा सिफर निकलता था. यानि ट्रेन में बम होने की अफवाह फैलाकर दोनों कर्मचारी कांट्रेक्टर को धोखा देने का प्रयास करते थे. 

उज्जैन से किया गया गिरफ्तार 
वहीं लगातार मिल रही सूचनाओं के चलते 3 राज्यों की पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही थी. वहीं पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल की इंदौर जीआरपी पुलिस ने सायबर सेल भोपाल की मदद से दोनों ही आरोपियों की पहचान की और उसके बाद दोनों को उज्जैन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया. अब दोनों ही आरोपियों पर आईपीसी, सायबर क्राइम और रेल अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है.   जीआरपी इंदौर ने सबसे पहले उज्जैन में गोरखपुर-बांद्रा ट्रेन से पहले विनोद माली को गिरफ्तार किया जिसने बताया कि मिलन रजक ही ट्वीट करता है, इसके बाद मिलन को भी गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, ट्विटर पर एक्शन लेते रेलवे की कई ट्रेनों के समय मे बदलाव किया गया, दोनों आरोपियों ने पहले 11 मई और हाल ही में 18 मई की रात को अफवाह फैलाने वाले ट्वीट किए थे।

इंदौर रेलवे पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने बताया कि 18 मई को आरपीएफ पोस्ट उज्जैन द्वारा सूचना दी गई कि करीब 11 बजे एक ट्वीट पोस्ट किया गया है, जिसमें गाड़ी क्रमांक 19092 गोरखपुर-बान्द्रा एक्सप्रेस में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा चैन पुलिंग कर बम रख दिया है. सूचना मिलने पर तत्काल जीआरपी, आरपीएफ तथा सिटी पुलिस, डॉग स्कॉड, BDDS ज्वाइंट टीम द्वारा गोरखपुर-बान्द्रा ट्रेन में उज्जैन स्टेशन पर चैकिंग करते हुये पूरी गाड़ी को सर्च किया गया. 

इस तरह हुआ खुलासा 
गाडी में सर्चिंग के दौरान किसी भी प्रकार का संदिग्ध विस्फोटक सामग्री प्राप्त नहीं हुई. इसके बाद झूठी सूचना देकर अफवाह फैलाने वाले लोगों की तलाश शुरू की गई जब ट्विटर से जानकारी निकाली गई तो ट्विटर हैंडलर मिलन रजक का नाम सामने आया. रेलवे पुलिस ने सूचना तकनीकी अनुसंधान के जरिए जानकारी जुटाई तो पता चला कि पिछले कुछ दिनों से सूरत, गुजरात, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, बान्द्रा महाराष्ट्र क्षेत्र की ट्रेन में बम की सूचना दी जा रही थी. इसके बाद मिलन और प्रमोद को गिरफ्तार कर उनके मोबाइल जब्त कर लिए गए है और अब पुलिस उन पर कड़ी कार्रवाई करने में जुट गई है. 

पुलिस ने बताया कि दोनों ऐसा सिर्फ इसलिए करते थे, ताकि वे परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजार सके. फिलहाल दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पहले पुलिस को इस मामले में कुछ बड़ा होने की आशंका थी. लेकिन मामले का खुलासा होने पर पुलिस भी हैरान रह गई. 

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