Irrfan Khan Death Anniversary: पान सिंह तोमर फिल्म को लेकर इरफान की वो ख्वाहिश, जो रह गई अधूरी
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Irrfan Khan Death Anniversary: पान सिंह तोमर फिल्म को लेकर इरफान की वो ख्वाहिश, जो रह गई अधूरी

Irrfan Khan Death Anniversary: ''बीहड़ में तो बागी होते हैं, डकैत मिलते हैं पार्लियामेंट में'' इरफान की फिल्म पान सिंह तोमर का ये डायलॉग आज भी लोगों की जुबां पर रहता है.

Irrfan Khan Death Anniversary: पान सिंह तोमर फिल्म को लेकर इरफान की वो ख्वाहिश, जो रह गई अधूरी

Irrfan Khan Death Anniversary: आज अभिनेता इरफान खान की पुण्यतिथि है. आज ही के दिन इरफान इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए थे. ''बीहड़ में तो बागी होते हैं, डकैत मिलते हैं पार्लियामेंट में'' इरफान (Irrfan khan) की फिल्म पान सिंह तोमर (Pan Singh Tomar) का ये डायलॉग आज भी लोगों की जुबां पर रहता है. इरफान खान जब भी अपनी फिल्मों में डायलॉग बोलते थे तो उनके अंदाज ए बयां के लोग कायल हो जाते थे. एक्टर इरफान खान को गुजरे हुए दो साल बीत हो गए हैं. इरफान खान का मध्यप्रदेश से भी काफी लगाव रहा है. इरफान ने अपनी मशहूर फिल्म पान सिंह तोमर की शूटिंग मध्यप्रदेश में ही की थी. गौरतलब है कि पान सिंह तोमर चंबल का बागी था. 

आपको जानकर हैरानी होगी कि पान सिंह तोमर फिल्म करने के बाद इरफान ने कहा था कि मैं फिर ऐसी फिल्म करना चाहूंगा. हालांकि बदकिस्मती ये है कि इरफान हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन आज भी चंबल के लोग उन्हें याद कर रहे हैं. इरफान ने पान सिंह जैसा किरदार निभाने के लिए काफी मेहनत भी की थी. तो चलिए आपको बताते हैं, बागी पान सिंह तोमर की कहानी, जिसके किरदार में इरफान खान छा गए.

पान सिंह के भतीजे ने जताया था दुख
आपको बता दें कि  इरफ़ान के निधन पर पान सिंह तोमर के भतीजे और डकैत रह चुके बलवंत सिंह ने गहरा दुख जताया था. उन्होंने कहा था मैंने फिल्म की शूटिंग के दौरान तीन महीने उनके साथ बिताए थे. इरफ़ान ने पान सिंह तोमर का जो किरदार बड़े परदे पर उतारा था, वो आज भी लोगों के जहन में जिंदा है. 

चंबल का बड़ा डकैत का था पान सिंह
ऐसे तो चंबल बागियों का गढ़ माना जाता है. इसी चंबल के इलाके में कभी पान सिंह तोमर की भी तूती बोलती थी. पान सिंह पूर्व में सेना में था, साथ ही वह एक बेहतरीन एथलीट भी था. लेकिन हालात ने उसे बागी बना दिया. 1950-60 के दशक में उसने 7 सालों तक लंबी बाधा दौड़ में सफलता का रिकॉर्ड बनाया था, जिसे 10 साल तक कोई नहीं तोड़ सका था.

यहां से पान सिंह तोमर बना डकैत
दबंगों ने पान सिंह तोमर की जमीन हड़लप ली थी. उन्होंने इसके लिए सरकारी अधिकारियों और पुलिस से भी मदद मांगी. यहां तक की उन्होंने अपने पदक भी दिखाए, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली. सिस्टम से हारकर पान सिंह तोमर ने बंदूक उठा ली. फिर क्या था पान सिंह डकैत बन गया और चंबल के इलाके में पान सिंह तोमर का इतना खौफ था कि पुलिस उसके नाम से कांपने लगी. हालांकि 1981 में पान सिंह तोमर का एनकाउंटर हो गया. वहीं पान सिंह तोमर के परिवार वालों का कहना था कि इरफ़ान खान के रूप में इस परिवार ने अपने पान सिंह को करीब 39 साल बाद आज 29 अप्रैल 2020 को शायद दूसरी बार खो दिया है... 

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