OBC आरक्षण पर 'सुप्रीम' फैसला: कैलाश विजयवर्गीय बोले- आदेश से खुश नहीं हूं लेकिन...
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OBC आरक्षण पर 'सुप्रीम' फैसला: कैलाश विजयवर्गीय बोले- आदेश से खुश नहीं हूं लेकिन...

कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के आने के बाद सारी योजनाएं पिछड़े वर्गों के लिए, गरीबों के लिए हैं. पिछड़े वर्ग को संवैधानिक मान्यता किसने दी है! 

OBC आरक्षण पर 'सुप्रीम' फैसला: कैलाश विजयवर्गीय बोले- आदेश से खुश नहीं हूं लेकिन...

वासु चौरे/भोपालः ओबीसी आरक्षण के बिना स्थानीय चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय का इस मुद्दे पर बयान सामने आया है. कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह फैसले से खुश नहीं हैं लेकिन न्यायपालिका का फैसला शिरोधार्य करना पड़ेगा. 

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पिछड़े वर्ग के साथ न्याय जरूरी है. मुख्यमंत्री जी ने शायद रिव्यू पिटीशन की बात कही है. मुझे लगता है कि रिव्यू पिटीशन होनी चाहिए. अगर इस तरह से चुनाव होता है तो यह पिछड़े वर्ग के साथ अन्याय होगा. सब जानते हैं कि गरीब कल्याण की योजनाएं कौन चला रहा है.  

कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के आने के बाद सारी योजनाएं पिछड़े वर्गों के लिए, गरीबों के लिए हैं. पिछड़े वर्ग को संवैधानिक मान्यता किसने दी है! कांग्रेस के बेबुनियाद आरोपों से कोई फर्क नहीं पड़ता है. पुनर्विचार याचिका पर विचार जरूर होना चाहिए. 

इससे पहले आज ओबीसी आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के ही स्थानीय चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को 2 हफ्ते में चुनाव की अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है. बता दें कि कोर्ट के आदेश अनुसार, राज्य में पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव सिर्फ एससी और एसटी आरक्षण के साथ हो सकते हैं. बता दें कि सरकार 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराना चाहती थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को अधूरा माना और बिना ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं. 

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