कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ दिया है, उनकी जगह वरिष्ठ नेता को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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भोपाल। मध्य प्रदेश से बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई है. कमलनाथ ने आखिरकार नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ दिया है. कांग्रेस आलाकमान की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है. कमलनाथ की जगह अब वरिष्ठ कांग्रेस विधायक डॉ. गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष होंगे.
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की तरफ से लेटर जारी कर इस बात की जानकारी दी गई कि डॉ. गोविंद सिंह मध्य प्रदेश के नए नेता प्रतिपक्ष होंगे. यानि कमलनाथ अब केवल प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाएंगे.
दिल्ली से आया फरमान
खास बात यह है कि कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली से पत्र के माध्यम से इस बात की जानकारी भेजी की गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. गोविंद सिंह खुद भी नेता प्रतिपक्ष बनने की इच्छा जाहिर कर चुके थे. गोविंद सिंह को संसदीय विधि का अच्छा अनुभव है, ऐसे में कांग्रेस ने उनके अनुभव को तरहीज देते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है.
कमलनाथ ने दिए थे संकेत
बता दें कि पिछले कमलनाथ ने इस बात के संकेत दिए थे कि वह नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ेंगे. बताया जा रहा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने यह फैसला लिया है. गोविंद सिंह वर्तमान में कांग्रेस के सबसे सीनियर विधायक है.
बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं कमलनाथ से नेता प्रतिपक्ष का पद छिनने के बाद बीजेपी ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. बीजेपी की तरफ से ट्वीट कर लिखा गया कि ''सुनने में आया है कि नेता प्रतिपक्ष का पद छिनने के बाद अब पीसीसी चीफ़ की कुर्सी भी जाने वाली है! ''बकवास'' भारी पड़ी!.
सातवीं बार विधायक बने हैं गोविंद सिंह
डॉ. गोविंद सिंह वर्तमान विधानसभा में कांग्रेस के सबसे सीनियर विधायक हैं, वह भिंड जिले की लहार विधानसभा सीट से लगातार सातवीं बार विधायक बने हैं. उन्होंने 1985-87 में नगर पालिका परिषद लहार के अध्यक्ष के तौर पर अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी. वह दिग्विजय और कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
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